मुख्यमंत्री ने डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ वार्षिक स्थापना दिवस समारोह का शुभारम्भ किया

लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान विगत १४ वर्षों की अल्प अवधि में एक चिकित्सालय से इंस्टीट्यूट बनकर उत्तर प्रदेश एवं भारत के बेहतरीन चिकित्सा व स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उभरा है। यह संस्थान की एक उपलब्धि है। यही जीवन की विकास यात्रा है, जिसको हमारी ऋषि परम्परा ने संस्कृति कहा है। बीज का वृक्ष बन जाना ही संस्कृति है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ वार्षिक स्थापना दिवस समारोह का मुख्य अतिथि के तौर पर शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने संस्थान के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण तथा संस्थान की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट का विमोचन किया। उन्होंने वर्ष २०२३-२४ में उत्कृष्ट कार्य हेतु क्लीनिकल व पैरा क्लीनिकल फैकल्टी के सदस्यों को पुरस्कृत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा करने के अच्छे तथा बुरा करने के बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं। संस्थान के निर्माण मात्र से ही समस्या का समाधान नहीं होता। यदि संस्थान अच्छे हाथों में होगा, तो फल-फूल कर व संस्कृति की तरह आगे बढ़कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी बनेगा। आपके द्वारा किये गये परिश्रम और पुरुषार्थ का लाभ जनता-जनार्दन को प्राप्त होगा। इस यश के भागीदार संस्थान के साथ-साथ विभाग एवं सरकार भी बनेंगे। संस्थान के गलत हाथों में जाने तथा उसकी दिशा गलत होने से मिलने वाले अपयश के भागीदार संस्थान के साथ-साथ विभाग एवं सरकार भी बनते हैं। किसी भी संस्थान द्वारा किए गए कार्य से आम जनमानस को पीड़ा मिलने पर, उसके द्वारा जो टिप्पणी की जाती है, वही अपयश कहलाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में प्रदेश की लगभग ७० लाख आबादी निवास करती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार तथा नेपाल की बड़ी आबादी अपनी स्वास्थ्य सुविधा के लिए लखनऊ पर निर्भर करती है। मरीज स्वास्थ्य सुविधा के लिए सबसे पहले डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आते हैं। प्रदेश में लगभग २५ करोड़ आबादी निवास करती है। इतनी बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना चुनौती के साथ-साथ अवसर भी प्रदान करता है। यह आपके लिए अनेक प्रकार के कार्यों एवं सेवाओं के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास का माध्यम बन सकता है। के०जी०एम०यू०, आर०एम०एल० तथा एस०जी०पी०जी०आई० में आने वाले मरीजों को निचले स्तर पर ही जिला अस्पताल, सी०एच०सी० तथा पी०एच०सी० आदि में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएं। प्रदेश में विगत ढाई वर्षों से टेली मेडिसिन के क्षेत्र में भी बहुत अच्छे काम किए गए हैं। प्रत्येक सप्ताह जिले स्तर की स्वास्थ्य टीम द्वारा पी०एच०सी० में आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इससे करोड़ों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं।मुख्यमंत्री r ने कहा कि आज यहां संस्थान के निदेशक द्वारा संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है। इसमें बताया गया कि संस्थान द्वारा यू०जी०, पी०जी० एवं सुपर स्पेशियलिटी सहित अन्य विभागों का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। यह संस्थान छोटे से चिविâत्सालय से बढ़कर १३००-१४०० बेड के एक बड़े चिकित्सालय के रूप में अपनी सुविधाएं प्रदान कर रहा है। यह ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में भी आगे बढ़ चुका है। किसी भी संस्थान द्वारा स्थापना दिवस पर इस प्रकार की वार्षिक रिपोर्ट व प्रतिवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है। इसके माध्यम से संस्थान द्वारा स्वयं का आकलन करने के साथ ही भविष्य की कार्य योजना भी तैयार की जा सकती है। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस संस्थान में लाखों की संख्या में मरीज अपना उपचार करा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा अन्य चिकित्सीय संस्थानों के साथ समन्वय से कार्य करना चाहिए। एक दूसरे को टेली कंसल्टेशन की सुविधा से जोड़ना चाहिए। समय-समय पर चिकित्सकों को भी एक दूसरे के यहां भेजा जाना चाहिए, ताकि आपस में ज्ञान व अनुभव का आदान-प्रदान हो सके। संस्थान को इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन से भी संवाद बनाना चाहिए। इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन किया। डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो० सी०एम० सिंह ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तथा कैबिनेट मिनिस्टर मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर श्री ब्रजेश पाठक जी, माननीय स्टेट मिनिस्टर संसदीय कार्य, मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर मयंकेश्वर शरण सिंह संस्थान के अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव,उत्तर प्रदेश मनोज कुमार सिंह , संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर, श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा जी, उपस्थित थे और अपने सम्बोधन में संस्थान को स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी और संस्थान द्वारा दी जारी चिकित्सीय सेवओं को इसी प्रकार उत्कृष्ट बनाये रखने की अपेक्षा की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथिमुख्यमंत्री योगी ने कई प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर को मेडल-सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ० ए०के० सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति संस्थान के एम०बी०बी०एस एवं नर्सिंग छात्रों द्वारा दी गई।