केजीएमयू में १२ से १५ सितंबर तक होगा आईसीए का ५वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, राज्यपाल करेंगी उद्घाटन

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के एनेस्थेसिया विभाग द्वारा इण्डियन कॉलेज ऑफ़ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स के ५वें अंतरराष्ट्रीय और १५वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन १२ से १५ सितम्बर तक किया जाएगा। जिसका उद्घाटन १४ सितम्बर को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल करेंगी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयकेंश्वर शरण सिंह एवं केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद उपस्थित रहेंगी। यह जानकारी केजीएमयू के एनेस्थेसिया विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मोनिका कोहली ने दी। उन्होंने बताया कि यह प्रतिष्ठित मंच एनेस्थेसियोलॉजी में शिक्षा, प्रशिक्षण और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए जाना जाता है। इस वर्ष ७०० से अधिक पंजीकृत प्रतिभागी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
इस ५वें अंतरराष्ट्रीय और १५वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टर एनेस्थिसियोलॉजी में शिक्षा, प्रशिक्षण और विशेषज्ञता की जानकारी का आदान- प्रदान करेंगे। इस वर्ष ७०० से अधिक डॉक्टर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन का उद्घाटन १४ सितंबर २०२४ को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयकेंश्वर शरण सिंह और केजीएमयू की कुलपति सोनिया नित्यानंद द्वारा किया जाएगा।विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मोनिका कोहली ने बताया कि इण्डियन कॉलेज ऑफ़ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स की स्थापना २००८ में हुई थी। यह एक स्वायत्त शैक्षणिक संगठन है जिसका उद्देश्य एनेस्थेसियोलॉजी की शिक्षा और प्रशिक्षण में सुधार लाना है।
आयोजन सचिव डॉ. तन्मय तिवारी ने बताया कि सम्मेलन में कार्यशालाओं, मुख्य सत्रों, पैनल चर्चाओं, पेपर प्रस्तुतियों और ई-पोस्टरों सहित विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह नई तकनीकों और शोधों को साझा करने के उद्देश्य से आयोजित हो रहा है।
भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इंग्लैंड और मस्कट सहित कई देशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ भी उपस्थित होंगे। इस वर्ष का विषय है एनेस्थेसिया में परिणाम वृद्धि, जिसका उद्देश्य रोगी की सुरक्षा और नैदानिक परिणामों में सुधार करना है। इस सम्मेलन में एनेस्थेसियोलॉजी के विभिन्न पहलुओं पर १२ कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें २५० से अधिक पोस्ट ग्रेजुएट छात्र हिस्सा लेंगे। देश-विदेश के १५० से अधिक फैकल्टी अपने अनुभव साझा करेंगे।