जिलॉन्ग। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के कारण पिछले 18 माह से विश्वविद्यालयों की पढ़ाई बाधित रही है। वार्षिक छात्र अनुभव सर्वेक्षण के अनुसार छात्रों को काफी तनाव है और पूरे ऑस्ट्रेलिया में छात्रों की संतुष्टि में गिरावट दर्ज की गई है। संघीय शिक्षा मंत्री एलन टुडगे ने ऑन-कैंपस अध्ययन वापसी का आह्वान करके इस ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया डिजिटल होती जा रही है। ऐसे में लेक्चर हॉल की पुरानी पद्धतियां स्नातकों को उनके करियर में आगे बढ़ने में मदद नहीं करेंगी। हमें ऐसे विश्वविद्यालय अध्ययन की आवश्यकता है जो छात्रों को डिजिटल भविष्य के लिहाज से तैयार करके में सहायता करे। कई अध्ययनों में बताया गया है कि आफिस में कम समय बिताने और घर से काम करने से काम अधिक मिश्रित हो जाएगा। कोरोना महामारी ने इस प्रवृत्ति को तेज कर दिया है। विविध उद्योगों ने पाया है कि वे ऑनलाइन तरीके से प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं, जिससे यह एक प्रामाणिक कार्यस्थल बन जाता है। टेलीहेल्थ आपके जीपी से परामर्श करने का विकल्प बन गया है, जबकि किसी सेवा या उत्पाद को खोजने का पहला स्थान एक ऑनलाइन खोज इंजन है। पेशेवरों को अपने कौशल का किसी भी वातावरण-भौतिक या आभासी-में प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। शिक्षकों, साथियों और सूचनाओं के साथ संवाद के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया का निर्माण होता है। दशकों के शोध से पता चलता है कि शिक्षार्थी तब सबसे अच्छा सीखते हैं जब सीखना सक्रिय, आकर्षक, प्रासंगिक और इच्छापूर्वक किया गया हो। जहां कहीं भी शिक्षण होता है, ये सिद्धांत सत्य होते हैं-फिर वह चाहे कैंपस में हों, ऑनलाइन हों या फिर कार्यस्थल पर हों। असली सवाल यह है कि श्रेष्ठ ऑनलाइन को श्रेष्ठ ऑन-कैंपस और वर्कप्लेस कार्य के साथ संतुलित कैसे किया जाए।
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