एनीमेशन के क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं। एनिमेशन का प्रयोग ना केवल छोटे-मोटे एडवरटाइजमेंट और ग्राफ़िक्स इत्यादि में किया जाता है, बल्कि पूरी की पूरी फिल्में और सीरियल्स भी इसी पर बनने लगे हैं। कार्टून सीरियल आदि भी एनिमेशन के जरिये ही काम करते हैं। एनिमेशन कोर्स दसवीं पाक भी कर सकते हैं। बस आपमें क्रिएटिविटी (रचनात्मकता) और नये विचारों के साथ ही लगातार बेहतर करने का जुनून होना चाहिये। एनीमेशन में कॅरियर बनाने के इच्छुक लोग ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा कोर्स अवश्य कर सकते हैं। अधिकांश कॉलेजों में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) में एक विषय के तौर पर भी एनिमेशन पढ़ाया जाता है। कई बड़े संस्थानों में डिप्लोमा या एडवांस डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स के तहत मार्केट की मांग के मुताबिक एनिमेशन की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है, जहां इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट पर भी काम करने का मौका मिलता है। ऐसे कोर्सों का समय एक से दो वर्ष का होता है। इसके दौरान ड्राइंग, ग्राफिक्स, प्रोडक्शन, प्रोग्रामिंग, लाइटिंग इत्यादि के साथ-साथ एनिमेशन एवं डिजिटल आर्ट्स की डिटेल में जानकारी प्रदान की जाती है।मुख्य रूप से 2-डी और 3-डी एनिमेशन का आज के समय में काफी चलन है। हालांकि मोशन ग्राफ़िक्स एवं स्टॉप एनीमेशन भी कई जगहों पर प्रयोग में लाया जाता है।एनिमेशन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आपका क्रिएटिव होना ज्यादा आवश्यक होता है। अगर आप अपने विचारों को, अपनी इमैजिनेशन को नया रूप दे सकते हैं, उसे नये तरीके से सोच सकते हैं, तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एनिमेशन क्षेत्र में आप एक बेहतर कैरियर बना सकते हैं। क्रिएटिविटी के साथ-साथ एनिमेशन के लिए तमाम तकनीकी जानकारी की आवश्यकता भी होती है। जैसे स्क्रिप्टिंग, स्कल्पटिंग, लाइफ ड्राइंग, मॉडल एनिमेशन आदि। ध्यान रहे कि एक पेशेवर एनिमेटर बनने के लिए कठिन परिश्रम , के साथ विज़ुअलाइज़िंग एबिलिटी, इमैजिनेशन, क्रिएटीविटी, लॉजिकल अंडरस्टैंडिंग और डेडलाइन के तहत कार्य करने की आदत भी होनी चाहिए।आप घर पर भी सॉफ्टवेयर की सहायता से एनिमेशन सीख सकते हैं। आज के इंटरनेट के दौर में आप यूट्यूब से भी एनीमेशन के कई सॉफ्टवेयर और उसे ऑपरेट करने के लिए फॉर्मल ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।रोजगार की बात करें तो इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। तमाम विज्ञापन एजेंसीज में एनीमेशंस का प्रयोग बेहतर ढंग से होने लगा है, तो वेब डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी इसका प्रयोग बड़े स्तर पर हो रहा है। साथ ही टीवी सीरियल, ओटीटी और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में तो इसका प्रयोग है ही। आप चाहें तो अनुभव के बाद इस अपना स्वयं का काम भी शुरु कर सकते हैं।
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