जौनपुर। श्रीराम कथा परिवार के सम्बन्धों की व्यावहारिक मार्गदर्शिका है। चाहे वह भाई-भाई का हो, चाहे मित्र या चाहे पति-पत्नि का सम्बन्ध हो। उक्त बातें जौनपुर नगर में आयोजित श्रीराम कथा करने आयीं आर्ट आफ लिविंग की साध्वी करिश्मा जी ने कही। कलेक्ट्रेट के पत्रकार भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुये उन्होंने बताया कि आर्ट आफ लिविंग जौनपुर परिवार द्वारा 6 दिवसीय श्रीराम कथा नगर के सिद्धार्थ उपवन में चल रहा है।श्रीराम कथा सहित उसके विभिन्न तथ्यों पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा कि राम का अर्थ है- मेरे भीतर प्रकाश, मेरे हदय में प्रकाश। श्रीराम कथा के बारे में लगभग सभी जानते हैं लेकिन इसका उद्देश्य यह है कि सभी को श्रीराम कथा का अनुभव हो। राम राज्य की बातें तो सभी करते हैं लेकिन उसके मापदण्डों का पालन करके ही एक सुखी, समृद्धि, खुशहाली, सर्वजन का हित कल्याण किया जा सकता है। रामायण के दो संस्करणों पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने बताया कि वाल्मिकी रामायण, ऋषि वाल्मिकी रामजी के समकालिक होनें के कारण इतिहास के रूप में तथ्यों की व्याख्या करता है। वहीं गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीराम चरित मानस का आधार भक्ति है।उन्होंने युवाओं को श्रीराम कथा को वैज्ञानिक रूप से समझने, जीवन में आत्मसात् करने और श्री राम चरित्र को अपनें जीवन में उतारनें अपनानें की बात कही। आओ मिलो राम….जैसे वक्तव्य पर बोलते हुये उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के अन्दर राम पहले से ही विद्यमान हैं। बस उन्हें महसूस करनें और जाननें भर की देर है।पत्रकार वार्ता के दौरान आर्ट आफ लिविंग जौनपुर के प्रशिक्षक जय सिंह ने बताया कि विगत 17 वर्षों से आर्ट आफ लिविंग जौनपुर के चहारसू चैराहे के पास स्थित केन्द्र के माध्यम से अपनी सेवाएं अर्जित कर रहा है। इसी कड़ी में हमारा अगला शिविर 26 सितम्बर दिन मंगलवार से आरम्भ होगा। इस अवसर पर राम कथा के मुख्य यजमान मनीष नारायण चैरसिया, विकास सिंह, सत्यम सिंह सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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