लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मिशन निरामयाः के अन्तर्गत समर्पण इंस्टीट्यट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज में ‘एविडेंस बेस्ड नर्सिंग केयर-2023’ विषयक द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि नर्सिंग सेवा समूचे स्वास्थ्य तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। किसी भी अस्पताल में मरीज केवल दवाओं से ठीक नहीं होता, उसके स्वस्थ होने में देखभाल का योगदान नर्स का होता है। नर्स के बिना स्वास्थ्य सुविधाओं में अच्छे काम की उम्मीद नहीं की जा सकती है।उन्होंने कहा कि नर्स मरीज एवं हेल्थ केयर सेक्टर के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्हें अपने साफ्ट स्किल और व्यवहार के बारे में विशेष रूप से सचेत रहना चाहिये। नर्सिंग की शुरूआत माँ से होती है और उस मातृत्व की भावना को सभी नर्सों को अपने अंदर विकसित करनी चाहिए। फ्लोरेंस नाइटिंगेल से नर्सिंग स्टाफ को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्हे मरीजों से भावनात्मक रिश्ता बनाकर रखना चाहिए, जिससे मरीज अपने आपको बेहतर महसूस करे।उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार 1000 की जनसंख्या पर 3 नर्स होनी चाहिए। अच्छे चिकित्सकों के साथ दक्ष नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी तैयार हों, इसके लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैैं। प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े और दक्ष नर्स तैयार हों और अस्पतालों मे नर्सेज की कमी को पूरा किया जा सके, इसके लिये विगत वर्ष मिशन निरामयाः की शुरूआत की गई। संस्थानों की रेटिंग से भावी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को अच्छे संस्थान के लिए निर्णय करने में मदद मिलेगी, साथ ही ऐसे संस्थान जहां ऐसी व्यवस्थाओं का अभाव है उनके सुधार के क्षेत्रों को जानने में भी मदद मिलेगी। मिशन के तहत यूपी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल शिक्षा का हब बनेगा और यहां से निकलने वाले छात्र-छात्रायें देश ही नहीं विदेश में भी रोजगार हासिल कर सकेंगे।
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