जौनपुर। शीराजे हिंद जौनपुर का ऐतिहासिक चेहल्लुम गमगीन माहौल में मनाया गया। इमाम बारगाह शेख मुहम्मद इस्लाम बाजार भुआ में बुधवार को दिन में एक बजे मजलिस शुरू हुई, जिसमें सोजख्वानी हुई व मुफ्ती मेहदी की मरसीयाख्वानी के बाद मौलाना सैय्यद नदीम जैदी फैजाबादी ने मजलिस को सम्बोधित करते हुए चेहल्लुम क्यों मनाया जाता हैं, और करबला में शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की शहादत का जिक्र किया तो लोग दहाड़े मार कर रोने लगे। मजलिस की समाप्ति पर इमामबाड़े से फूलो से लदी ऐतिहासिक तुरबत निकाली। उसके बाद तुरबत से मन्नती नीबू प्राप्त करने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों ने देश में अमन चैन, व अपनी अपनी मन्नतें मांगी। इसके बाद रात को रखे गये ताजिया उठाया गया जो जुलूस की शक्ल में पानदरीबा रोड, हमाम दरवाजा, काजी की गली, अजमेरी, पुरानीबाजार होता हुए सदर इमामबाडा बेगमगंज पर जुलूस समाप्त हुआ। जहाँ पर ताजिया व तुरबत को भारी भीड़ ने आंसुओं से भरी आंखों से सुपुर्दे खाक किया। उधर मंगलवार को रात्रि आठ बजे इमाम चैक पर ताजिये रखा गया। उसके बाद शब्बेदारी की मजलिस हुई। जिसको डा कमर अब्बास ने पढा। शहर की अंजुमनों ने सारी रात नौहा व मातम किया। सुबह 5 बजे अलविदाई मजलिस हुई। उसके बाद आग से दहकती हुई जंजीरों का मातम अंजुमन गुलशने इस्लाम ने किया।
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