लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि पूरा देश बड़ी श्रद्धा और समर्पण भाव से पूर्व राष्ट्रपति, महान शिक्षाविद् और दार्शनिक डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पावन जयन्ती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है। डॉ0 राधाकृष्णन का जीवन शिक्षा व शिक्षा जगत के लिए समर्पित था। उनका एक शिक्षक से भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक जाना प्रत्येक शिक्षक के लिए प्रेरणा है। अपने कृतित्व से व्यक्तित्व का निर्माण करना और उस व्यक्तित्व की विराट छाया में पूरे देश को नई दिशा देने का कार्य डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था।मुख्यमंत्री जी आज शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य शिक्षक पुरस्कार हेतु चयनित 94 शिक्षकों के सम्मान में यहां लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व, उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने प्राथमिक विद्यालयों के 02 लाख 09 हजार से अधिक अध्यापकों को टैबलेट वितरण, 18,381 उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट लैब्स की स्थापना की कार्यवाही तथा 880 आई0टी0सी0 लैब्स का शुभारम्भ भी किया।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षक की भूमिका के बारे में डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्पष्ट कहना था कि, एक शिक्षक की भूमिका राष्ट्र निर्माता की होती है। प्राचीन काल से ही भारत ने अपने शिक्षकों की परम्परा को किसी ना किसी रूप में मान्यता दी है। समाज ने शिक्षक को सम्मान व श्रद्धा के साथ विशेष स्थान देने का कार्य किया। लेकिन शनैः शनैः इसके दो पक्ष सामने आते गये। उज्ज्वल पक्ष, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्र की नींव को सुदृढ़ बनाते हुए एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है। दूसरा कृष्ण पक्ष, जो शिक्षण कार्य से विरत रहकर वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है। कृष्ण पक्ष वाले लोगों को समाज संदेह की निगाहों से देखता है तथा उनके प्रति कोई सद्भाव नहीं रखता। इन दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर शिक्षा जगत की वर्तमान समस्याओं के समाधान की तरफ हम सबको बढ़ना होगा।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां प्रदेश के 94 शिक्षकों, को अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है। इनमें बेसिक शिक्षा परिषद के 75 शिक्षक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के 19 शिक्षक शामिल हैं। सम्मानित शिक्षकों का व्यक्तित्व और कृतित्व अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई बना है। शिक्षक हमेशा शिक्षक होता है। आप सभी पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। समाज व राष्ट्र के निर्माता के रूप में तथा वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी सरकार ने शिक्षक समाज को सौंपी है। शिक्षकगण को समय के अनुरूप चलना होगा और प्रगति तथा विकास की दौड़ में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर समाज को दिशा देने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षक को अपने कृतित्व और व्यक्तित्व से आदर्श दिखना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षकगण को यह अवसर प्रदान कर रही है कि, वह नवीन कार्यों को करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी के व्यक्तित्व निर्माण में अपना योगदान दें। इस दिशा में नये प्रयासों की आवश्यकता है। माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 56 लाख बच्चों की मात्र 14 दिन में नकल विहीन परीक्षा आयोजित कराकर 15 दिन में परिणाम देना प्रशंसनीय कार्य है। यह परिवर्तन हर स्तर पर दिखना चाहिए। हमें स्किल डेवलपमेन्ट के कार्यों को आगे बढ़ाना होगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश और प्रदेश में विकास एवं जनकल्याणकारी कार्य तेजी आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शी सोच के कारण देश सफलतापूर्वक चुनौतियों का सामना कर पा रहा है। देश में 48 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाना इस दूरदर्शिता का उदाहरण है। प्रदेश में साढ़े आठ करोड़ लोगों के जनधन अकाउंट खोले गए हैं। कोरोना महामारी के समय में लोगों के इन जनधन अकाउंट में डी0बी0टी0 के माध्यम से आर्थिक सहायता पहुंचाने का कार्य सरकार द्वारा किया गया। तकनीक की मदद से सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक बिना भेदभाव के पहुंच रहा है।