नई दिल्ली। जी-20 की बैठक से पहले ही चीन की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। साथ ही सर्विस पीएमआई भी नीचे आ गई है, इससे चीन एक बार फिर निराशा के भंवर में डूब गया है। भारत में अगस्त में सर्विस पीएमआई 60.1 रहा है। हालांकि जुलाई की तुलना में इसमें गिरावट आई है लेकिन जून के मुकाबले यह ज्यादा है। जुलाई में यह 62.3 था जबकि जून में 58.5 थी। पिछले साल अगस्त में 56.2 पर था। इस बीच चीन का सर्विस पीएमआई अगस्त में गिरकर आठ महीने के न्यूनतम स्तर पर चला गया। अगस्त में यह 51.8 पर आ गया जबकि जुलाई में यह 54.1 पर था। 50 से अधिक रीडिंग सेक्टर में एक्सपेंशन दिखाता है जबकि इससे कम नीचे गिरावट का प्रतीक है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज परचेंजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक मजबूत विदेशी मांग के कारण भारत से निर्यात रेकॉर्ड पर था। एशिया पैसिफिक, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और वेस्ट एशिया को निर्यात में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई। जानकारी के अनुसार अगस्त में लगातार 25वें महीने नए बिजनस में तेजी आई है, क्योंकि भारतीय सर्विस कंपनियों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। सर्विस इकॉनमी में हायरिंग एक्टिविटी लगातार मजबूत हो रही हैं। जॉब क्रिएशन में पिछले साल नवंबर के बाद सबसे ज्यादा तेजी रही है। सर्वे के मुताबिक पार्ट टाइम और फुल टाइम बेसिस पर परमानेंट और टेंपररी स्टाफ रिक्रूटमेंट में तेजी आई है। वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश चीन में सर्विस पीएमआई अगस्त में आठ महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। चीन की सरकार ने इकॉनमी को बूस्ट देने के लिए कई उपाय किए हैं लेकिन अब तक उनका कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
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