बीजिंग। जी-20 सम्मेलन से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नदारद रहेंगे। 09 और 10 सितंबर को शिखर बैठक के सिलसिले में चीन ने इस बात का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया कि जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग, चीन का नेतृत्व करेंगे। जिनपिंग के सम्मेलन से गायब रहने की वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन हैं। जिनपिंग को दोनों नेताओं की एक मीटिंग नागवार गुजर रही है। कश्मीर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर रहे केएन पंडित के अनुसार जिनपिंग के ऐलान से पहले व्हाइट हाउस की तरफ से यह कहा गया था कि राष्ट्रपति बाइडन को उम्मीद है कि उनके चीनी समकक्ष शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। दोनों नेताओं की एक मुलाकात सम्मेलन से अलग हो सकती है। जिनपिंग और बाइडन के बीच एक मीटिंग की जरूरत पिछले कुछ दिनों में हुई एक घटना की वजह से बढ़ गई थी। हाल के महीनों में अमेरिका के कुछ अधिकारियों ने बीजिंग का दौरा किया था। दौरे में वाणिज्य मंत्री जीना मोंडो का चीन दौरा भी शामिल था।उनकी मानें तो जिनपिंग का सम्मेलन से गायब रहना साधारण बात नहीं है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स बैठक से इतर दोनों नेताओं की एक दुर्लभ मीटिंग हुई थी। इसमें पीएम मोदी ने जिनपिंग को दो टूक कह दिया कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को बिना किसी देरी के सिर्फ बातचीत के जरिए ही हल किया जाना चाहिए। ब्रिक्स सम्मेलन के बाद चीन ने एक नक्शा जारी किया जिसमें अरुणाचल और पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों को चीनी क्षेत्रों के रूप में दिखाया गया है। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पहली बार अमेरिका और कई और देशों ने चीन की अड़ियल नीति पर नाखुशी जाहिर की।
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