नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार बढ़ाने के लिए भारत-अमेरिका टास्क फोर्स की शुरुआत की गई है। इसका लक्ष्य एक दशक के भीतर दोनों देशों के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने यहां लॉन्च मीटिंग आयोजित की, जिसमें दूरसंचार विभाग (डीओटी), अमेरिकी दूतावास, प्रमुख अमेरिकी और भारतीय कंपनियों, निवेश बैंकिंग बिरादरी और वाशिंगटन डी.सी. स्थित सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग (आईटीआई) परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। ट्राई के पूर्व अध्यक्ष राम सेवक शर्मा को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भारत-अमेरिका टास्क फोर्स दो तकनीकी शक्तियों के विलय का प्रतिनिधित्व करता है। यह उदघाटन बैठक एक आशाजनक भविष्य की ओर पहला कदम है जहां उद्योग के नेतृत्व में दोनों देश इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार और नवाचार में पारस्परिक विकास हासिल करने के लिए सहयोग करते हैं। भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग 2025-26 तक 300 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का लक्ष्य बना रहा है। टास्क फोर्स के प्रमुख उद्देश्यों में व्यापार को बढ़ावा देना, नवाचार को बढ़ावा देना, नौकरियां पैदा करना और वैश्विक तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के साथ निर्बाध एकीकरण प्राप्त करना शामिल है। इसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर उन्नति, उन्नत दूरसंचार, आईसीईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला जैसी पहलों पर भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना है।इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भारत-अमेरिका टास्क फोर्स इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार परिदृश्य को नया आकार देने के लिए एक अभूतपूर्व अवसर का प्रतिनिधित्व करता है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा़ कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए भारत-अमेरिका टास्क फोर्स को सहायता प्रदान करने से पीछे नहीं हटेगी और सहायता के लिए भी मौजूद रहेगी। आपसी मित्रता और साझेदारी की नींव पर निर्मित, यह टास्क फोर्स देशों के बीच व्यापार सहयोग को बढ़ाने के लिए बाध्य है।
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