न्यूयॉर्क (ईएमएस)। अमेरिका में सात हजार से अधिक लोगों को निशाना बनाकर 13 मिलियन डॉलर के घोटाले के आरोप में 40 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी को गिरफ्तार किया है। अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने घोषणा की कि न्यू जर्सी में क्लिफ्टन के मनोज यादव ने छोटा-मोटा कारोबार करने वालों और बुजुर्गों से 13 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की। मनोज को नेवार्क संघीय अदालत में अमेरिकी मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जोस आर. अलमोंटे के समक्ष पेश किया गया। सेलिंगर ने कहा, आरोपी व उसके साथियों ने खुद को एक प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध बताकर पीड़ितों को गुमराह किया। उन्होंने कहा, सॉफ्टवेयर कंपनी के लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का दावा करने के बाद, उन्होंने पीड़ितों से सेवाओं के लिए अत्यधिक शुल्क वसूला, जो सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थे। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, 2017 से 2023 तक, यादव और उसके साथियों ने, जिसमें से कई भारत में थे, धोखाधड़ी से खुद को एक प्रमुख अमेरिकी व्यवसाय और लेखांकन सॉफ्टवेयर कंपनी से संबद्ध प्रौद्योगिकी सहायता कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया, जिसने लेखांकन सॉफ्टवेयर को बेचा। वे कई धोखाधड़ी वाले व्यावसायिक नामों के तहत काम करते थे। यादव ने साजिश में शामिल अपने साथियों को 13 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजी। वह ग्राहकों से वसूली गई राशि में से लगभग 17 प्रतिशत अपने पास रखता था। एफबीआई के विशेष प्रभारी एजेंट जेम्स ई डेनेही ने कहा, यादव ने सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें उन सेवाओं के लिए भुगतान करने के लिए मजबूर किया जो आमतौर पर उन्हें मुफ्त मिलती है।
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