लखनऊ | उत्तर प्रदेश में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच शनिवार को सम्पन्न ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना परचम लहराया है।प्रदेश में ब्लाक प्रमुख की कुल 825 में से 635 से अधिक में भाजपा और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) का कब्जा हो चुका है जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीत का श्रेय टीम वर्क और सरकार की योजनाओं को दिया है जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिह ने जीत के लिये कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुये कहा कि पंचायत चुनावों में मिली जीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास की नीति का परिचायक है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर ब्लाक प्रमुख पदों पर जबरन कब्जा किया जाना जनादेश का अपमान है। लोकतंत्र और संविधान में भाजपा सरकार की कोई आस्था नहीं है। सत्ता के सहयोग से भाजपा ने अपने पक्ष में मतदान कराया।ब्लाक प्रमुख के 825 में से 349 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुये थे जिनमें भाजपा और उसके सहयोगी दल के 334 उम्मीदवार शामिल थे। आज 476 सीटों पर मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच थी जिसमे सपा को खासा नुकसान उठाना पडा है। लखनऊ की आठ में से सात सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है जबकि एक पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रही है। यहां सपा का सूपड़ा साफ हो चुका है।इटावा जिले के बढ़पुरा ब्लाक प्रमुख के चुनाव में मतदान के दौरान उपद्रवी भाजपा कार्यकर्ताओं ने फायरिंग की और रोकने पर एसपी सिटी प्रशांत कुमार को एक भाजपा नेता ने थप्पड़ मार दिया। इससे गुस्सायी पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े । बवाल के चलते एक घंटे तक मतदान भी प्रभावित रहा। एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मतदान के दौरान बाहर उपद्रवियों ने फायरिंग व बवाल किया है। एसपी सिटी पर भी हाथ उठाने की बात सामने आई है। वीडियो फुटेज निकलवाई जा रही है। मौके से 7 खाली खोके बरामद किये गये है। सभी उपद्रवियो की पहचान की जा रही है ।इसके अलावा चंदौली,हमीरपुर,अमरोहा और उन्नाव समेत कुछ अन्य इलाकों में हिंसा की वारदाते हुयी। उन्नाव जिले में चुनाव कवरेज पर गये एक पत्रकार को मुख्य विकास अधिकारी ने पीट दिया जिसमें उसका साथ एक सफेदपोश नेता ने दिया। इस घटना से क्षुब्ध पत्रकार धरने पर बैठ गये। इस हमले में पत्रकार का मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हो गया।समाजवादियों के गढ़ कहे जाने वाले फिरोजाबाद में भी सपा का सफाया हो चुका है। यहां भाजपा को सात सीटें मिली है जबकि दो पर निर्दलीयों ने कब्जा किया है। औरैया में पांच ब्लाकों में हुए प्रमुख पद के चुनाव में चार भाजपा समर्थित व एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की।जौनपुर के 21 में से 16 ब्लाकों के प्रमुख पद पर हुए चुनाव में भाजपा के दस और निर्दल व सपा के छह प्रत्याशी विजयी हुए हैं। इसके साथ ही 5 ब्लॉकों में निर्विरोध चुने गए प्रमुखों में चार पर भाजपा और एक पर निर्दल प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। सुलतानपुर में 14 ब्लाकों में 11 पर भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली है। कासगंज में छह में पांच सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुयी जबकि एक में सपा समर्थित उम्मीदवार विजयी रहा। रामपुर में भाजपा को पांच और कांग्रेस को एक सीट मिली।इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली थी जब कुल 75 सीटों में से 66 पर उसे और एक पर सहयोगी अपना दल एस को जीत हासिल हुयी थी। इसी प्रकार ग्राम प्रधान चुनाव में भी भाजपा का डंका बजा था जबकि सपा को हार का दंश झेलना पडा था।
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