टोक्यो। भारत के मित्र देश जापान ने मून मिशन के लॉन्चिंग की तारीख को एक दिन आगे बढ़ा दिया है। पहले इसे 26 अगस्त को भेजा जाना था। खराब मौसम को देखते हुए जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने अब मिशन को 27 अगस्त को लॉन्च करने का निर्णय लिया है। जापान के मून मिशन ‘मून स्नाइपर’ में रॉकेट एक लैंडर को ले जाएगा, जिसके चार से छह महीने में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की उम्मीद है। जापान के मून मिशन में ब्रह्मांड के विकास की जांच के लिए डिजाइन किया गया एक एक्स-रे इमेजिंग उपग्रह भी होगा। इसरो का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जांच पड़ताल कर रहा है। वहीं जेएएक्सए की योजना अलग तरीके से जांच को आगे बढ़ाने की है। जेएएक्सए ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा कि मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है। यह चुनौतीपूर्ण लैंडिंग क्षेत्रों को अधिक सुलभ बनाने में मदद करेगा। लूनर-ए सीधे चंद्रमा के आंतरिक भाग की जांच करेगा, जो चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास पर बहुत सारा डेटा दे सकता है। स्लीम लैंडर 9 फीट ऊंचा, 8.8 फीट चौड़ा और 5.6 फीट गहरा है। जापान की स्पेज एजेंसी का कहना है कि उनका लक्ष्य अपने टार्गेट प्वाइंट से 328 फीट यानी 100 मीटर के अंदर चांद को छूने का है। कहा गया कि स्लीम आर्किटेक्चर चांद सहित अन्य ग्रहों पर लैंडिंग को पहले से अधिक किफायती बना सकता है। जिसके चलते वो भविष्य में कम वजन के साथ अन्य ग्रहों पर लैंड करने की तकनीक प्रदान कर सकता है।
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