लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में राज्य वन्यजीव बारहसिंघा अभ्यारण्य-ईको सेन्सिटिव जोन की सीमाओं के निर्धारण हेतु बैठक आयोजित की गई।अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि ईको-सेन्सिटिव जोन की सीमा के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों की सीमा के निर्धारण के लिये नवीनतम टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए। सीमाओं की जिओ रेफ्रेंसिंग करायी जाये।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बारहसिंघा को बचाने के लिए ब्रीडिंग केंद्र स्थापित किया जाये। वन्यजीवों के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाए, जिससे आम जनमानस में सकारात्मकता के प्रति रूझान बढ़ेगा।बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश वन अनुभाग-3 द्वारा तत्कालीन वन प्रभाग मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद एवं बिजनौर वन प्रभाग के अन्तर्गत 2073.00 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को हस्तिनापुर वन्य जीव विहार घोषित किया गया है। ईको-सेन्सिटिव जोन में आने वाले जनपद मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा में ग्रामों की कुल संख्या 189 हैं। वर्तमान में 01 कि.मी. सीमा के अन्तर्गत आने वाले उद्योगों की संख्या 52 हैं। ईको-सेन्सिटिव जोन का क्षेत्रफल 239.07 वर्ग कि.मी हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह, सचिव कृषि राजशेखर, ग्राम्य विकास आयुक्त गौरी शंकर प्रियदर्शी, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन एवं पीसीसीएफ अंजनी कुमार आचार्य, चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट मेरठ जोन एन0के0जानू सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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