लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं एवं विकास कार्यों की समीक्षा की। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि पी0एम0 विश्वकर्मा योजना में सर्वाधिक पंजीकरण उत्तर प्रदेश से होना चाहिये। योजना का लाभ लेने के लिये पोर्टल पर पंजीकरण 25 अगस्त से शुरू हो रहा है। पात्र व्यक्ति पोर्टल पर स्वयं अथवा कॉमन सर्विस सेण्टर (सीएससी) के माध्यम से पंजीकरण कर सकता है। योजना का अधिक से प्रचार-प्रसार कर जनपदों में अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों का तेजी से पंजीकरण कराया जाये। योजना के बारे में सीएससी को भी सेंसटाइज कर दिया जाये। आगामी 17 सितम्बर से पूर्व 01 लाख से अधिक लाभार्थियों का पंजीकरण कराया जाये। पंजीकरण के उपरान्त सत्यापन की कार्रवाई को भी तेजी से पूर्ण कराया जाये। पात्र लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड, क्रेडिट सपोर्ट, स्किल अपग्रेडेशन, टूलकिट इन्सेन्टिव, डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिये इंसेन्टिव, मार्केटिंग सपोर्ट की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। बैठक में बताया गया कि योजना में पात्र लाभाथिर्यों के पंजीकरण व सत्यापन के उपरान्त उन्हें 5 दिन के बुनियादी प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। प्रशिक्षण पूरा होने के पश्चात उन्हें प्रमाण-पत्र तथा टूलकिट खरीदने के लिये 15,000 रुपये का ई-वाउचर प्रदान किया जायेगा और वह अधिकतम 01 लाख रुपये का प्रथम ऋण 5 प्रतिशत ब्याज दर पर प्राप्त कर सकेंगे, जिसे 18 महीने में जमा करना होगा। इसके लिये उन्हें मकान, जमीन आदि को बंधक नहीं रखना होगा। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक जमा करने पर 15 दिन के लिये अपस्किलिंग कोर्स कराया जायेगा और प्रशिक्षण के उपरान्त वह अधिकतम 02 लाख रुपये के ऋण के लिये पात्र होंगे, जिसे उन्हें 30 माह में जमा करना होगा। अपस्किलिंग के लिये परम्परागत 18 ट्रेड-कार्पेन्टर, बोट मेकर, अरमोरर, लोहार, टूल किट मेकर, लॉकस्मिथ (ताला बनाने वाला), कुम्हार, स्कल्पटर (मूर्तिकार, स्टोन कार्वर)ध्स्टोन ब्रेकर, कॉब्लर (चर्मकार)ध्फुटवियर आर्टिस्ट, राजमिस्त्री, बासकेटध्मैटध्ब्रूम मेकरध्कॉइर मेकर, डॉल एण्ड ट्वाय मेकर, नाई, गारलैण्ड मेकर (मालाकार), वाशरमैन (धोबी), टेलर, फिशिंग नेट मेकर को चिन्हित किया गया है। उक्त हेतु 18 वर्ष अधिक उम्र के व्यक्ति पात्र होंगे।मुख्य सचिव ने कहा कि आंगनबाड़ी कायाकल्प के तहत पानी व स्वच्छता सुविधाओं सहित बच्चों के अनुकूल बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिये 18 इंडीकेटर्स निर्धारित किये गये हैं। लर्निंग लैब के कॉन्सेप्ट पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को किसी प्रकार प्रकार विकसित कर बच्चों के अनुकूल बनाना है, इसके लिये 75 जनपदों से 838 आंगनबाड़ी केन्द्रों का चयन किया गया है। इन्हें 2 अक्टूबर को राज्य स्तर पर लांच के लिये प्रस्तावित किया गया है, ताकि इन मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र से सीख कर अन्य भी अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों का नवीनीकरण करा सकें। चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रों के कायाकल्प में तेजी लाकर 30 सितम्बर तक मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किया जाये। आंगनबाड़ी कायाकल्प की प्रगति का नियमित अनुश्रवण मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा किया जाये। उन्होंने कहा कि सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 की गाइडलाइन के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम चरण में प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों के 2349 आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आर0ओ0 यूनिट, एलईडी, केन्द्र मरम्मत एवं ईसीसीई सामग्री के लिये सम्बन्धित जनपदों को धन आवंटित किया जा चुका है। नियमित अनुश्रवण कर सभी कार्यों को आगामी 30 सितम्बर तक प्रत्येक दशा में पूर्ण करा दिया जाये।उन्होंने कहा कि उ0प्र0 मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का भव्य आयोजन कराया जाए। सीड मनी हेतु एफ0पी0ओ0 को प्रेरित कर प्राप्त प्रस्तावों को तत्काल संस्तुति सहित कृषि निदेशालय को प्रेषित किया जाए। अध्यापकों का मिलेट्स पर प्रशिक्षण आयोजित कराते हुए स्कूल छात्र-छात्राओं को मिलेट्स के विभिन्न उत्पाद, पोषण एवं उपभोग के प्रति जागरूक किया जाए। मिलेट्स रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरुकता हेतु वृहद कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाए।उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर एफ0पी0ओ0ध्उद्यमियों से मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई की स्थापना हेतु प्रेरित कर प्रस्ताव प्राप्त कर पात्र प्रस्तावों को संस्तुति सहित कृषि निदेशालय को उपलब्ध कराया जाए। जनपद स्तर पर मिलेट्स मोबाइल आउटलेट एवं मिलेट्स स्टोर की स्थापना हेतु एफ0पी0ओ0, उद्यमियों, एस0एच0जी0, कृषकों आदि को प्रेरित कर प्राप्त प्रस्तावों में से पात्र प्रस्तावों को संस्तुति सहित निदेशालय को प्रेषित किया जाए।
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