नई दिल्ली । क्रिकेट की दुनिया में लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर दिग्गज सलामी बल्लेबाजों में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर का जिक्र जरूर होगा। गावस्कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार टेस्ट रन पूरे करने वाले पहले बल्लेबाज थे। वो ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन के 29 शतक का रिकॉर्ड तोड़ने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने पूरे करियर में 34 शतक लगाए। गावस्कर दो टेस्ट सीरीज में 700 से ज्यादा रन बनाने वाले इकलौते भारतीय हैं। ऐसे कई रिकॉर्ड उनके नाम आज भी हैं। उनका जन्म 10 जुलाई 1949 को बॉम्बे(अब मुंबई) में हुआ था। गावस्कर ने 22 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था और उनका करियर 16 साल लंबा रहा।गावस्कर के वक्त एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग, मैल्कम मार्शल, रिचर्ड हेडली, डेनिस लिली जैसे गेंदबाज थे। जो अपनी तूफानी रफ्तार के लिए पहचाने जाते थे। इसके बावजूद गावस्कर ने पूरे करियर में कभी हेलमेट नहीं पहना। हालांकि, एक बार मार्शल की गेंद उनके माथे पर लगी थी। इसके बाद जरूर उन्होंने कुछ वक्त तक स्कल कैप पहना। लेकिन करियर के आखिरी कुछ सालों में इसे पहनना भी छोड़ दिया।गौरव कपूर के शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस’ में गावस्कर ने अपने हेलमेट नहीं पहनने की वजह का खुलासा किय़ा था। उन्होंने तब मजाकिया अंदाज में बताया था कि मेरे दिमाग में कुछ था ही नहीं, तो हेलमेट किस चीज को बचाने के लिए लगाता। उन्होंने इस इंटरव्यू में उस खिलाड़ी का खुलासा भी किया था, जो उन्हें बार-बार हेलमेट पहनने की नसीहत देता था। गावस्कर और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने एक ही साल में टेस्ट डेब्यू किया था। दोनों के बीच बड़ी गहरी दोस्ती थी। इसलिए कई बार इमरान ने भी गावस्कर को हेलमेट पहनने की सलाह दी थी। हालांकि, गावस्कर ने कभी अपने दोस्त की इस सलाह पर अमल नहीं किया।गावस्कर ने इस इंटरव्यू में कहा था कि ईमानदारी से कहूं तो मुझे कभी लगा ही नहीं कि हेलमेट पहनना चाहिए। ये अलग बात है कि मेरे पास एक स्कल कैप थी। लेकिन तीन साल तक वो किट बैग में ही पड़ी रही थी। मैंने उसका इस्तेमाल ही नहीं किया। लेकिन 1983 के वेस्टइंडीज दौरे पर मैल्कम मार्शल की एक शॉर्ट बॉल सीधा जाकर गावस्कर के माथे पर टकराई थी। इसके बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में सन्नाटा छा गया था। गनीमत रही कि गावस्कर को बहुत गहरी चोट नहीं लगी। लेकिन इस घटना से बेपरवाह गावस्कर दोबारा खड़े हुए और मार्शल की तेज रफ्तार गेंदों का डटकर मुकाबला किया। इसी घटना के बाद से उन्होंने कुछ साल स्कल कैप पहना।
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