राजनीतिक दखल के चलते अपराधियों का बढ़ा हौसला आए दिन होता है पुलिस पार्टी पर हमला

कौशाम्बी।योगी सरकार में कथित राजनीतिक दखल के चलते अपराधियों के मनोबल दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं मामूली बातों पर अपराधी पुलिस पार्टी पर फायर कर पुलिस जवानों का मनोबल तोड़ रहे हैं आंकड़ों की बात करें तो पूर्व के बहुजन समाज पार्टी की मायावती और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल से अधिक भारतीय जनता पार्टी के योगी आदित्यनाथ की सरकार में पुलिस जवानों पर अपराधियों ने हमले किए हैं पुलिस टीम पर हमले के बाद अपराधियों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस उन्हें जेल भेज देती है कुछ दिन बाद उन अपराधियों की फिर जमानत हो जाती है और वह बाहर आकर फिर मौज मस्ती करते हैं आंकड़े बताते हैं कि योगी सरकार के कार्यकाल में कौशाम्बी जनपद में सब से अधिक पुलिस पार्टी पर हमले हुए हैं जो बड़ी चिंता का विषय है पुलिस अफसरों को इस पर गहन चिंतन कर अपराधियों का मनोबल तोड़ने की जरूरत है लेकिन योगी सरकार में अपराधियों का मनोबल टूटता नहीं दिख रहा है और आधुनिक असलहों से लैस पुलिस फोर्स की टीम पर आए दिन अपराधी तमंचे से फायर कर देते हैं इसे अपराधियों का बढ़ता हौसला कहेंगे कि जहां अत्याधुनिक असलहे लेकर पुलिस पार्टी फील्ड में भ्रमण कर रही हो वही चिरकुट दिखने वाले अपराधी तमंचा से आए दिन फायर कर रहे हैं सवाल उठता है कि इन अपराधियों को किस का कथित राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है पुलिस पार्टी पर लगातार हमले के बाद चारों और योगी सरकार की किरकिरी हो रही है लेकिन उसके बाद अपराधियों को संरक्षण देने से कथित नेता बाज नहीं आ रहे हैं शुक्रवार को फिर चरवा थाना पुलिस पर पशुओं की खरीद बिक्री के व्यापार लगे पशु व्यापारियों द्वारा पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया हालांकि पुलिस का कोई जवान घायल नहीं हुआ है अपराधी भी फरार हो गए हैं केवल पुलिस के वाहन में गोली लगी है लेकिन सवाल उठता है कि तमंचा लेकर चलने वाला अपराधी का मनोबल कैसे बढ़ा कि आधुनिक हथियारों से लैस पुलिस टीम पर लगातार हमला किया जा रहा है या फिर थाना पुलिस केवल मुठभेड़ की कहानी बयां करने लगती है जिससे योगी सरकार के बेहतर कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं जो बड़ी जांच का विषय है लेकिन कुछ भी हो जिस तरह से योगी सरकार में पुलिस पार्टी पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं यह शर्मनाक के साथ-साथ चिंता का विषय है।