सिद्धार्थनगर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पहली बार केंद्र की सरकार में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया। साथ ही टेक्नोलॉजी के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। किसानों के हितों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री अमित शाह प्रयत्नशील हैं। ये बातें प्रदेश के राज्यमंत्री स्वंतत्र प्रभार सहकारिता जेपीएस राठौर ने कहीं। वह शनिवार को लोहिया कला भवन में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी तरल आधारित जनपद स्तरीय सहकारी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ और प्रदेश सरकार ने 16 सौ करोड़ की धनराशि दी है जिससे सहकारी बैंकों के खाताधारकों को उनका पैसा दिया जा रहा है। सहकारी बैंकों पर पूरा भरोसा करें और पैसा की जमा निकासी करें। उन्होंने कहा कि सहकारिता से छोटे-छोटे पूंजी से बड़ी पूंजी बनाकर कार्य कर सकते है। इफको विश्व की सबसे बड़ी सहकारी समिति है। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को अर्थव्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने सहकारी समितियों के अध्यक्षों से कहा कि कम से कम 200 सदस्य बनाएं। सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि आज सभी गांव में सहकारी समितियां पहुंच चुकी हैं। आने वाले समय में सहकारी समितियों में होने वाले चुनाव के लिए आयोग का गठन भी किया जाएगा। विधायक जय प्रताप सिंह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन पहले से चल रहा है। समय के साथ कम हो गया। सहकारी समितियों द्वारा गांवों में किसानों को सभी प्रकार की सुविधा दी जाती थी। प्रधानमंत्री की ओर से सहकारी समितियों को पुनः जीवित करने का काम किया गया है। कार्यशाला को पूर्व मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी, नगर पालिका सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष गोविंद माधव, भाजपा जिला संयोजक कन्हैया पासवान, जिला प्रभारी रामजियावन मौर्य ने भी संबोधित किया।
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