सिद्धार्थनगर । धान की रोपाई जिले में लगभग 95 प्रतिशत हो गई है साथ में किसानों को घास और कीट की भी चिंता सताई जा रही है और वर्षा न होने पर जमीन में दरारे भी पड़ना शुरू हो गया है किसानों को प्रकृति की मार झेलनी पड़ रही है । प्रभार जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक दूबे ने किसानों को सलाह भी दिया और बताया कि किसानों को खेत में पानी रहे तो कीट नाशक का दवा छिड़काव करना चाहिए। जिस दिन किसान खेत मे धान की रोपाई करते है और खेत में पानी रहता है तो 24घंटे से 72 घंटे के अंदर पेटनाक्लोर दवा आधा लीटर प्रति एकड़ से दवा का प्रयोग करना चाहिए अगर किसान पेटनाक्लोर दवा नहीं उपयोग कर पाते है तो बिसपाइरी सोडियम का स्प्रे कर सकते है इससे भी खरपतवार में नियंत्रण पा सकते है इसके अलावा भी कई ऐसी बीमारी है जो किसान समझ नही पाते है धान में एक और बीमारी है जिसका रंग लाल है वह फफूदीनाशी के तहत आते है जब किसान सुबह खेत में खून के धब्बे जैसे दिखाई देता है उसे किसान ध्यान नहीं देते है लेकिन ये भी फसल को नुकसान पहुंचाता है लेकिन इसके लिए 500 ग्राम कॉपर डाई ऑक्साइड 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए जिससे फसल को नुकसान नही पहुंचता है धान के फसल में खैरा रोग भी ज्यादा देखने को मिलती है खैरा रोग जिंक की कमी से होती है और साथ ही किसानों से अपील भी की और कही कि कृषि सलाहकार से समझकर ही दवा का प्रयोग करे।
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