वाराणसी। विकास क्षेत्र (महायोजना-2031) के अनुक्रम में वाराणसी विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र के अन्तर्गत किसी कालोनी का विकास या भवन निर्माण किये जाने हेतु उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-14 एवं 15 के अन्तर्गत अनुमति प्राप्त करना/मानचित्र स्वीकृत कराया जाना अनिवार्य है। बैंक द्वारा अवैध कालोनियों में भूखण्ड क्रय, गृह/भवन निर्माण तथा अवैध बन्धक सम्पत्ति के सापेक्ष ऋण भी स्वीकृत कर दिये जाते हैं, जिससे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है।अवैध कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं यथा-सीवर, पेयजल, मानक रोड, पार्क इत्यादि न मिलने के कारण भविष्य में आम-जनमानस को अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। *इस सम्बन्ध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाउसिंग फाइनेन्श हेतु समस्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को दिनांक 18.02.2022 को जारी मास्टर सर्कुलर संख्या-RBI/2021-22/171DOR, CRE, REC No-87/08.12.2001/2021-22 के प्रस्तर-2-B-Vii में भी उल्लिखित प्रावधानों में स्पष्ट रूप से निर्देशित/आदेशित किया गया है कि ऐसी समस्त सम्पत्तियॉ जो नियामक संस्था से अनुमोदित नहीं हैं पर ऋण स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।इस सम्बन्ध में *प्राधिकरण सभागार में डा0 सुनील कुमार वर्मा, सचिव, वा0वि0प्रा0 की अध्यक्षता में बैंकर्स के साथ विचार-विमर्श के उपरान्त सहमति व्यक्त की गयी कि वाराणसी विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत होने की दशा में ही बैकर्स द्वारा क्रेता/निर्माणकर्ता को ऋण प्रस्वीकृत किया जाय।बैठक में सचिव, वा0वि0प्रा0, संयुक्त सचिव एवं बैंकों के सर्किल हेड एवं उप महाप्रबन्धक इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post