नयी दिल्ली।कांग्रेस ने कहा है कि रिजर्व बैंक ने जानबूझकर बैंकों का कर्ज न चुकाने वाले लोगों को सुरक्षित रास्ता देने के वास्ते नीतियों में बदलाव करते हुए बैंकों से धोखाधड़ी करने वालों के लिए चोर दरवाजा खोला है।कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. विनीत पुनिया तथा अमिताभ दुबे ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक के नीति में अचानक बदलाव करने की इस पहल से जानबूझकर ऋण न चुकाकर धोखाधड़ी करने वालों को क्लीन चिट देने की कोशिश की जा रही है।उन्होंने कहा, “रिजर्व बैंक के इस कदम से नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे ‘विलफुल डिफॉल्टर्स’ की धोखाधड़ी को माफ करने के लिए एक चोर दरवाजा खोलने का काम किया गया है। आरबीआई के इस कदम का नुकसान न सिर्फ बैंकों को बल्कि करदाताओं और मध्यमवर्गीय परिवारों को भी उठाना पड़ेगा।”कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार में ‘विलफुल डिफॉल्टर्स’ को बढ़ावा दिया जा रहा है और आम जनता के पैसों को सरकार अपने चुनिंदा मित्रों पर न्योछावर कर रही है।उन्होंने कहा, “हिन्दुस्तान के टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स का कुल ऋण 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है जिनके लिए सरकार लगातार काम कर रही है। दो साल पहले आरबीआई की पॉलिसी में यह स्पष्ट था कि विलफुल डिफॉल्टर्स को शेयर बाजार में जाने और नए लोन लेने की अनुमति नहीं मिलेगी। अब सरकार ने यह पॉलिसी बदलकर उन्हें खुली छूट दे दी है।”प्रवक्ताओं ने कहा कि पिछले नौ साल में मोदी जी के कार्यकाल में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 365 प्रतिशत बढ़ा है और 10 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि बट्टे खाते में डाली गई, जिसमें से सिर्फ 13 प्रतिशत कर्ज वसूले गए हैं।
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