जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में नव स्थापित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा स्वशासी महाविद्यालय, जौनपुर के संयुक्त तत्वावधान में 12-26 जून, तक चलने वाले जन जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इसका विषय था नशामुक्त परिसर और समाज। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहता है कि विश्वविद्यालय परिसर नशामुक्त बनें। नशामुक्त युवा ही सक्षम एवं विकसित भारत की नींव रखने में सहायक होगा। बतौर मुख्य अतिथि प्रो. शिव कुमार, प्राचार्य, उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा स्वशासी महाविद्यालय, जौनपुर ने कहा कि रोकथाम इलाज से बेहतर होता है। हमें नशे से ग्रसित व्यक्ति के साथ ही साथ उसके परिवार, मित्रों एवं परिवेश को भी समझने की आवश्यकता है। हमें इसके अंदर चल रही भावों एवं पीड़ा को समझने की आवश्यकता है। बतौर विशिष्ट वक्ता चिकित्सा महाविद्यालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ विनोद वर्मा ने नशा से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया। उन्होने कहा कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं घरेलु हिंसा से परेशान होने के बाद लोगों में नशे का सेवन करने की शुरूआत होती है।इस पखवाड़े के तहत आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा इस पखवाड़ा कार्यक्रम के समन्वयक एवं नोडल अधिकारी, एंटी नारकोटिक्स ड्रग एवं डीएडिक्शन डॉ मनोज कुमार पाण्डेय ने उपस्थित प्रतिभागियों के समक्ष रखी । कार्यक्रम का संचालन हेदायत फात्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने किया। वित्त अधिकारी संजय कुमार, प्रो. राकेश कुमार यादव, डॉ गिरधर मिश्रा, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. विनय वर्मा, डॉ. पुनीत सिंह, डॉ.लक्ष्मी प्रसाद मौर्या तथा करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
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