खैबर पख्तूनख्वा में आंतकी संगठन कर रहा पाकिस्तानी सैनिकों की टारगेट किलिंग

इस्‍लामाबाद। पाकिस्तान के सबसे विवादित खैबर पख्तूनख्वा इलाके में आतंकवादियों ने इस साल के शुरू में ही अभियान चलाया था कि या तब सुरक्षाकर्मी इस इलाके की ‘आजादी’ के लिए उनका साथ दें अन्यथा आतंकवादी संगठन वह प्रतिदिन पाकिस्तानी फौज की सेवा कर रहे एक सुरक्षाकर्मी को टारगेट करके मार दिया जाएगा। पाकिस्तानी फौज और प्रशासन ने आतंकवादी संगठनों की धमकी को महज अफवाह करार दिया था साथ ही अब तक भी आतंकवादी संगठन द्वारा जो भी दावे किए जाते हैं उन्हें पाकिस्तानी प्रशासन और फौज पूरी तरह से नकार देती है। पाकिस्तानी सरकार और सेना के दावे पर पहली बार देश की ही खैबर पख्तूनख्वा सरकार और प्रशासन ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रशासन ने अपने आधिकारिक आंकड़े में यह स्वीकार किया है कि बीते 5 महीनों के दौरान यानी जनवरी 2023 से मई 2023 के बीच आतंकवादियों द्वारा 141 सुरक्षाकर्मियों की टारगेट करके हत्या की गई है जबकि 222 सुरक्षाकर्मी इस दौरान घायल हुए हैं। इस आंकड़े के मुताबिक आतंकवादियों के दावे अपनी जगह पर एकदम सटीक है क्योंकि प्रतिदिन एक सुरक्षाकर्मी की टारगेट किलिंग उनके द्वारा की जा रही है। खैबर पख्तूनख्वा प्रशासन द्वारा पुलिस टारगेट किलिंग केस 2023 के नाम से जो लिस्ट जारी की गई है उसके मुताबिक जनवरी 2023 में टारगेट किलिंग के कुल 15 मामले दर्ज किए गए जिनमें 116 सुरक्षाकर्मी टारगेट किलिंग के तहत मारे गए जबकि 189 घायल हुए। पाकिस्तानी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में 2 मार्च में 7 अप्रैल में 8 मई में 5 और जून में शुरुआती हफ्ते में 3 सुरक्षाकर्मियों को टारगेट करके मारा गया। खैबर पख्तूनख्वा की पुलिस द्वारा इस बाबत अब तक कुल 41 मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिसमें 141 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की गई है जबकि 222 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। पाकिस्तानी प्रशासन के कबूलनामे से साफ जाहिर है कि आतंकवादी संगठनों द्वारा जो दावे किए गए हैं वह पूरी तरह से सटीक हैं। हालांकि बीच-बीच में जब आतंकवादी संगठनों द्वारा इस तरह के दावे किए गए थे तब पाकिस्तानी सरकार और फौज ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया था और यह कहा था कि आतंकवादी लोगों को डराने के लिए इस तरह के भ्रामक प्रचार कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन पाकिस्तानी फौज और पाकिस्तानी प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं।