ज्ञानपुर, भदोही।जलवायु परिवर्तन और बढ़ती हुई पानी की खपत के कारण दुनिया भर में संकट की स्थिति पैदा हो रही है। दुनिया जल संकट की तरफ बढ़ रहा है, आधे से अधिक झील, जलाशय,तालाब और पोखरी सब सुख रहे हैं। वैज्ञानिक पहले भी इस बात को लेकर आगाह कर चुके हैं लेकिन हालात बदलते नहीं दिख रहे। खेती-बाड़ी, हाइड्रोपावर आदि के लिए पानी नहीं मिल रहा है। दुनियाभर के झील संकट में हैं, इसके दूरगामी नतीजे हो सकते हैं। यह बातें राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक अशोक कुमार गुप्ता द्वारा आज 8 जून 2023 विश्व महासागर दिवस के अवसर पर 2066 वें दिन हॉस्टल परिसर में बबूल की ओट में नीम के पौधे का वृक्षारोपण करते हुए कहा, उन्होंने बताया कि झील और जलाशय सूखने की वजह से लगभग दो अरब लोग इससे प्रभावित होंगे। वैश्विक तापमान में वृद्धि और बढ़ते प्रदूषण की वजह से धरती पर जनजीवन को दुष्प्रभाव झेलना पड़ रहा है। कार्बन उत्सर्जन एवं ग्लोबल वार्मिंग के चलते ध्रुवीय प्रदेशों में ठंड कम हो रही है और ग्लेशियरों की बर्फ पिघल रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रीनलैंड के ग्लेशियर बीसवीं सदी की तुलना में तीन गुना तेजी से पिघल रहे हैं।
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