नई दिल्ली । कोरोना के इस दौर में लोग अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए अलग-अलग तरह के काढ़ों का इस्तेमाल कर रहे है और इन्हीं में से एक है गिलोय का काढ़ा। जिसे लोग अक्सर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पीते हैं। क्या आप जानते है कि ऐसा कर आप जाने-अनजाने अपने शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं ? एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह की पारंपरिक दवाओं से गंभीर का नुकसान हो सकता है और इसका उदाहरण मुंबई से सामने भी आया है। साल 2020 में सितंबर से दिसंबर तक के बीच 6 ऐसे मरीज सामने आए जिनके लिवर को पारंपरिक दवाओं के सेवन से गंभीर नुकसान पहुंचा था। जांच में डॉक्टरों ने पाया कि इन सभी ने गिलोय का काढ़ा पीया था। इन लोगों में पीलिया और सुस्ती की भी शिकायत थी। हेपेटोलॉजिस्ट डॉ आभा नगराल के मुताबिक एक 62 साल की महिला पेट से जुड़ी समस्या लेकर अस्पताल आई। जब महिला की जांच की गई तो यह बात सामने आई कि उसके पेट में तरल पदार्थ जमा हो गया जो लिवर के फेल होने का संकेत था और चार महीने बाद ही इस महिला की मौत हो गई। डॉक्टर आभा ने आगे बताया कि हमने पहली बार इतनी बुरी तरह से लिवर के क्षतिग्रस्त होने का मामला देखा। बायोप्सी रिपोर्ट में सामने आया कि महिला ने गिलोय का काढ़ा पीया था। वहीं लिवर ट्रांस्पलांट सर्जन डॉ ए एस सोइन की मानें तो उन्होंने भी गिलोय से लिवर के नुकसान के पांच मामले देखे हैं। इसमें से एक मरीज की जान भी चली गई थी। कोरोना के दौर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों ने गिलोय के सेवन किया जिस वजह से दुर्भाग्य से कई लोगों को लिवर टॉक्सिसिटी का सामना करना पड़ा।