प्रयागराज,। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों को देखते महानिबंधक को ४८ घंटे में वर्चुअल सुनवाई के नियम बनाने का निर्देश दिया है और कहा है कि इसे सभी बार एसोसिएशनों में कड़ाई से पालन के लिए भेजा जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने सोनू व अन्य की जमानत अर्जी पर दिया है। कोर्ट ने याची अधिवक्ता संजय कुमार मिश्र द्वारा कार में बैठकर बहस करने पर नाराजगी प्रकट की और अर्जी को आठ हफ्ते बाद पेश करने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले एक वकील द्वारा चलते स्कूटर पर वर्चुअल बहस में शामिल होने पर भी हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी।कोर्ट ने कहा कि वकीलों को ध्यान में रखना चाहिए कि कोर्ट कार्यवाही के निश्चित नियम, प्रक्रिया व वस्त्र कोड होता है। वे कोर्ट कार्यवाही में हिस्सा ले रहे हैं, न कि ड्राइंग रूम में बैठे हैं। कोर्ट छूट का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने महानिबंधक को कहा है कि वह वर्चुअल सुनवाई के समय क्या करें और क्या न करें, के नियम बनाएं। बहस का तरीका, पहनावा और किस जगह से बहस करें, बताया जाय। वकील नियमों का कड़ाई से पालन करें। नियम की अवहेलना करने पर दंड तय किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि वकीलों से उम्मीद की जाती है कि वह कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में अपने आफिस, चेम्बर या घर में अच्छे स्थान पर बैठकर कोर्ट को संबोधित करेंगे। अदालतों द्वारा बार बार नसीहत देने के बावजूद कोर्ट की मर्यादा का पालन नहीं किया जा रहा है।
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