गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश में आधारभूत संरचना के विकास का सर्वाधिक लाभ मिलने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि अवसंरचना निर्माण भी सच्चा सामाजिक न्याय है, सच्चा सेकुलरिज्म है।श्री मोदी ने पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को गुवाहाटी में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखा कर न्यू जलपाईगुड़ी के लिए रवाना किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में 199 रूट किलोमीटर के न्यू बोंगाईगांव-दुधनोई-मेंदीपाथेर और 238 किलोमीटर के गुवाहाटी-चापरमुख नव विद्युतीकृत खंडों तथा लमडिंग में नवनिर्मित डेमो मेमो शेड को भी राष्ट्र को समर्पित किया।इस अवसर पर यहां गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाब चंद्र कटारिया, मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और केन्द्र सरकार में रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, निशीथ प्रमाणिक एवं जाॅन बारला मौजूद थे।इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज असम सहित पूरे पूर्वोत्तर की रेल कनेक्टिविटी के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। आज पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी से जुड़े तीन काम एक साथ हो रहे हैं। आज पूर्वोत्तर को अपनी पहली ‘मेड इन इंडिया’ वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है।श्री मोदी ने कहा कि बीते नौ साल, भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों के रहे हैं, नए भारत के निर्माण के रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल ही देश को आज़ाद भारत की भव्य-दिव्य आधुनिक संसद मिली है। ये भारत के हज़ारों वर्ष पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को हमारे समृद्ध लोकतांत्रिक भविष्य से जोड़ने वाली संसद है।उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आने के बाद सबसे ज्यादा गरीब कल्याण को प्राथमिकता दी। गरीबों के घर से लेकर महिलाओं के लिए टॉयलेट तक, पानी की पाइपलाइन से लेकर बिजली कनेक्शन तक, गैस पाइपलाइन से लेकर एम्स मेडिकल कॉलेज तक, रोड, रेल, जलमार्ग, बंदरगाह, हवाईअड्डे, मोबाइल कनेक्टिविटी, हर क्षेत्र में पूरी शक्ति से काम किया।श्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ सालों में रेलवे के लिए 2014 से पहले के दौर की तुलना में बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है। पूर्वोत्तर के लिए औसत रेल बजट लगभग 2500 करोड़ रुपये था हालांकि, इस बार पूर्वोत्तर के लिए रेल बजट करीब 10 हजार करोड़ रुपये है।प्रधानमंत्री ने कहा, “आधारभूत संरचना सबके लिए है, समान रूप से है, बिना भेदभाव के है। इसलिए ये अवसंरचना निर्माण भी एक तरह से सच्चा सामाजिक न्याय है, सच्चा सेकुलरिज्म है।”श्री मोदी ने कहा कि आज भारत में हो रहे अवसंरचना के काम की पूरी दुनिया में बहुत चर्चा हो रही है। क्योंकि यही अवसंरचना तो जीवन आसान बनाती है और रोज़गार के अवसर लाती है। यही अवसंरचना तेज़ विकास का आधार है। यही अवसंरचना गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी, ऐसे हर वंचित को सशक्त करती है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसंरचना निर्माण के इस काम से सबसे अधिक लाभ अगर किसी को हुआ है तो वह पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत है। उन्होंने कहा कि 2014 के दशक से पहले अलग-अलग सेक्टरों में घोटाले करने के रिकॉर्ड बनते थे। इन घोटालों से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों और विकास में पिछड़े क्षेत्रों को हुआ। हमारी सरकार ने गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी।
श्री मोदी ने कहा, “अपने अतीत की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोग कहते हैं कि पहले भी तो पूर्वोत्तर में बहुत काम हुआ था। इन लोगों ने पूर्वोत्तर के लोगों को मूल सुविधाओं के लिए भी दशकों तक इंतजार करवाया। इस अक्षम्य अपराध का बहुत बड़ा नुकसान पूर्वोत्तर ने उठाया है।” उन्होंने कहा, “गति के साथ-साथ भारतीय रेल आज दिलों को जोड़ने, समाज को जोड़ने और लोगों को अवसरों से जोड़ने का भी माध्यम बन रही है।”उन्होंने कहा कि ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत नॉर्थ ईस्ट के रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल बनाए गए हैं। ये ‘वोकल फॉर लोकल’ को बल दे रहे हैं। इससे हमारे स्थानीय कारीगर, कलाकार, शिल्पकार, ऐसे साथियों को नया बाज़ार मिला है।प्रधानमंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस इस क्षेत्र के लोगों को तेज गति और सुविधा पूर्वक यात्रा करने का साधन प्रदान करेगी। इससे पूर्वोत्तर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली 22228/22227 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन करीब 407 किलोमीटर की दूरी पांच घंटे 30 मिनट में तय करेगी जबकि दो स्थानों को जोड़ने वाली वर्तमान में सबसे तेज़ ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस छह घंटे 30 मिनट का समय लेती है। इस प्रकार से वंदे भारत एक्सप्रेस दोनों स्थानों के बीच की दूरी एक घंटे कम करेगी। मंगलवार को छोड़कर सप्ताह के छह दिन चलने वाली यह गाड़ी मार्ग में कामाख्या, न्यू बोंगईगांव, कोकराझार, न्यू अलीपुर द्वार और न्यू कूचविहार स्टेशनों पर ठहरेगी।वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल आठ कोच हैं। इनमें सात एसी चेयर कार और एक एग्जीक्यूटिव क्लास कोच है। इसमें 480 सीटें यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेंगी। इस ट्रेन का वाणिज्यिक परिचालन 31 मई से शुरू होगा।चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में निर्मित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देश में 17 मार्गों पर संचालित हो रही हैं और यह 18वां मार्ग है। इससे ट्रेनों को तेज गति से चलाने और ट्रेनों के चलने के समय को कम करने के साथ प्रदूषण मुक्त परिवहन प्रदान करने में मदद मिलेगी।