बांदा। देश के तकरीबन डेढ़ सैकड़ा जिलों में पानी का संकट है। इन जिलों में बांदा के अलावा चित्रकूट, महोबा और झांसी भी शामिल है। पानी संकट इसलिए भी है क्योंकि जल का दोहन अधिक किया जा रहा है और जल संरक्षण की ओर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे धरातलीय जल में कमी आ रही है। इसको संरक्षित करने के लिए अविरल जल अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत खेतों में मेड़बंदी कराई जाएगी और तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।यह बात जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जल का दोहन अधिक होने और जल संरक्षण न किए जाने की वजह से पानी का संकट उत्पन्न हो रहा है। इस संकट से निजात दिलाने के लिए अविरल जल अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जल संकट को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि आगामी 24 मई को रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में जल अभियान संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह शामिल होंगे। इसके साथ ही जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद सांसद आरके सिंह पटेल समेत जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। संगोष्ठी में शामिल होने वाले प्रधानों आदि को जल संरक्षण करने के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि अविरल जल अभियान के तहत खेत में मेड़बंदी करवाई जाएगी। इसके साथ ही पौधरोपण का कार्य भी कराया जाएगा। ध्वस्त पड़े तालाबों का सुंदरीकरण कराने के साथ ही उन्हें पानी से लबरेज किया जाएगा, ताकि बारिश का पानी संरक्षित किया जा सके। जिलाधिकारी ने बताया कि अमृत योजना के तहत डेढ़ सैकड़ा से अधिक तालाब तैयार किए जा चुके हैं। जबकि ढाई सैकड़ा से अधिक तालाबों में तेजी के साथ काम कराया जा रहा है। प्रेस वार्ता के दौरान सीडीओ वेदप्रकाश मौर्य भी मौजूद रहे।
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