सिद्धार्थनगर। जिले के 11 निकायों में मतदान की पूर्व रात आंखों में काटने वाले प्रत्याशियों के लिए सुबह भी कम मुश्किल भरी नहीं रही। रात में जाग कर मतदताओं को मनाने वाले सुबह बूथों पर पहुंच कर उनकी मनुहार करते रहे। मतदाता भी गोलमोल आश्वासन देकर उनकी थकाने को और भी बढ़ा दे रहे थे। प्रत्याशियों के रतजगा ने मतदाताओं को भी सारी रात जगाने का काम किया। एक के जाने के बाद दूसरे के पहुंचने से वह चाह कर भी नहीं सो पा रहे थे। प्रत्याशियों की नींद उड़ने के साथ उनके दिलों की धड़कनें तो बेकाबू रही ही मतदाता भी कम परेशान नहीं हुए। दल से जुड़े प्रत्याशी रहे हों या निर्दल सभी बारी-बारी चाचा सो गइला का, उठा देख हम आइन बानी कह कर जगा दे रहे थे। मतदाता चाह कर भी नहीं बहाने बाजी कर रहा था क्योंकि जब तक वह उठकर मिल नहीं लेता तब तक प्रत्याशी उसके दरवाजे पर खड़े होकर आवाज लगा रहे थे। कुछ मतदाता झुंझला कर उल्टा-पल्टा भी बक दे रहे थे लेकिन मरता क्या न करता प्रत्याशी मतदताओं का मूड भांप कर फौरन पैर पकड़ कर माफी मांग ले रहे थे। रात भर रूठे मतदाताओं को मनाने की कोशिश में जहां कमी रही वहां पर सुबह में प्रत्याशी खुद या उनके समर्थकों ने पहुंच कर मनाने की आखिरी कोशिश भी की। बूथों तक उनके पीछे-पीछे लगे रहे। गुरुवार को जिले की दो नगर पालिका व नौ नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ। पूरी रात मतदाताओं को मनाने के बाद सुबह तक जब वह मुखर नहीं हुए तो कई स्थानों पर उन्हें निराशा भी हाथ लगी। मतदाता कुछ भी साफ-साफ कहने से परहेज करते रहे इससे उम्मीदवारों की धड़कनें भी बेकाबू रहीं।
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