कौशाम्बी। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ कौशांबी के द्वारा प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कौशांबी को वीडियो कॉलिंग एवं वॉइस कॉलिंग के माध्यम से विद्यालयों की निगरानी / अनुश्रवण / मानिटरिंग किए जाने संबंधी अव्यवहारिक आदेश को निरस्त किए जाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया |ग्रामीण अंचलों में स्थित विद्यालयों में इस प्रकार से मानिटरिंग संभव नहीं है |ढेर सारी तकनीकी समस्याओं के कारण बाद में इस आदेश के दुरुपयोग होने की संभावना है जिससे शिक्षकों का शोषण हो सकता है| शिक्षकों के संबंध में निगरानी शब्द का प्रयोग किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है| यह शिक्षकों एवं विभाग की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है साथ ही साथ महिला शिक्षकों की निजता के अधिकार का भी उल्लंघन होता है| उपरोक्त अव्यवहारिक आदेश से जनपद एवं प्रदेश के सभी शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है| उक्त अनुश्रवण व्यवस्था सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के सिद्धांतों के विपरीत है| ऐसे अनुश्रवण मात्र भ्रष्टाचार को बढ़ावा देंगे तथा शिक्षकों में कुंठा की भावना को जन्म देंगे| ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर नेटवर्क नहीं रहता है अतः ऐसी दशा में शिक्षक व कर्मचारी अनावश्यक रूप से विभागीय कार्यवाही का शिकार हो सकते हैं| अत: ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था के आदेश को निरस्त किया जाए| जिला अध्यक्ष जी ने कहा यदि इस आदेश को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षक ऑनलाइन अनुश्रवण व्यवस्था का बहिष्कार करने हेतु विवश होंगे तथा संगठन शिक्षकों के हित के लिए एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व विभाग का होगा| ज्ञापन देने हेतु राकेश सिंह जिलाध्यक्ष , दिनेश जायसवाल जिला महामंत्री, विनोद श्रीवास्तव जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनूप सिंह मंडल संयुक्त मंत्री, कड़ा ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, सिराथू मंत्री बलराम सोनकर, सिराथू ब्लॉक कोषाध्यक्ष श्री चंद्र भवन, सरसवा ब्लॉक मंत्री बैजनाथ दुबे आदि जूनियर शिक्षक संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे|
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