मौसमी समस्याओं के कारण सप्लाई कम हुई, जिससे महंगाई बढ़ी: वित्त मंत्री

बैंगलुरु। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मौसमी समस्याओं के कारण सप्लाई कम हुई, जिससे देश में महंगाई बढ़ गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि जरूरी सामान की कीमतों में नरमी लाने के प्रयासों के साथ उस पर लगातार नजर रखी जा रही है। सीतारमण ने ईंधन और प्राकृतिक गैस के दाम में कमी लाने के प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश में इनका आयात किया जाता है और कोविड, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजार में ईंधन के दाम ऊंचे हैं। कर्नाटक के कलबुर्गी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीतारमण ने कहा कि मौसमी स्तर पर सप्लाई से जुड़ी समस्याओं के कारण महंगाई बढ़ी है। मंत्रियों का समूह जरूरी सामान और उनकी कीमतों पर पैनी नजर रखे हुए है। जब भी जरूरत पड़ी तो हालात के अनुसार अतिरिक्त स्टॉक जारी किया गया। जब चावल के दाम में तेजी आई, हमने बफर स्टॉक से चावल जारी किया। केंद्र सरकार कीमतों को नीचे लाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। यही कारण है कि रिटेल महंगाई दर अब छह प्रतिशत से नीचे आ गई है। पेट्रोल-डीजल के ऊंचे दामों पर पूछे गए एक सवाल पर सीतारमण ने कहा कि कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में ईंधन के दाम ऊंचे हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि ईंधन के दाम तर्कसंगत स्तर पर रहे। गेहूं की कीमत नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने गेहूं की खरीद तेज कर दी है। चालू वित्त वर्ष में 3.41 करोड़ टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य है। अब तक 1.70 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई। एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि गेहूं की खरीद में तेजी इसलिए जरूरी है ताकि सप्लाई के अनुसार रिटेल मार्केट में गेहूं की सप्लाई हो सके। अगर सप्लाई को लेकर कुछ गड़बड़ी हुई तो इससे गेहूं की कीमत में तेजी आ सकती है।