बर्लिन। जर्मनी में अलग तरह का चिपको आंदोलन चल रहा है। यहां के पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा सड़कों को जाम कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी खुद के हाथों को गोंद से सड़कों पर चिपका रहे हैं। आंदोलन का कारण जलवायु परिवर्तन है। समूह ने जलवायु संकट की अनदेखी के लिए जर्मन सरकार की आलोचना कर पूरे सप्ताह नागरिकों के कार्यों में बाधा डालने की कसम खाई है। बर्लिन पुलिस के अनुसार, शहर में 33 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। 500 से अधिक अधिकारियों को पूरे दिन सड़कों पर ड्यूटी के लिए लगाना पड़ा है। इस आंदोलन में कम से कम 40 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। जलवायु कार्यकर्ताओं ने अपनी चिंताओं को लेकर जर्मन सरकार पर दबाव बनाने के लिए बर्लिन में सड़कों को जाम कर दिया। वे जलवायु परिवर्तन की ओर दुनिया का ध्यान खींचने के लिए सड़कों पर अपने हाथों को चिपका रहे हैं। इस प्रदर्शन की वजह से यातायात काफी प्रभावित हुआ है। बर्लिन पुलिस ने बताया कि कार्यकर्ताओं के हाथों को सड़क से निकालने के लिए ड्रिल मशीन का इस्तेमाल करना पड़ा है, जिससे सड़कें उखड़ गई हैं। बर्लिन पुलिस के अनुसार, शहर में 33 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। 500 से अधिक अधिकारियों को पूरे दिन सड़कों पर ड्यूटी के लिए लगाना पड़ा है। यह प्रदर्शन लास्ट जेनरेशन ग्रुप के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। शहरों में घंटे भर की रुकावट से आपातकालीन सेवाओं को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कम से कम 15 एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में फंसी रह गईं।
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