अमेरिका के डिफेंस सिस्‍टम को सेकेंड्स में कर देगी तबाह चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल

बीजिंग। पिछले दिनों पेंटागन के कुछ मिलिट्री डॉक्‍यूमेंट्स लीक हुए हैं। इन डॉक्‍यूमेंटस के बाद कई महत्‍वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। इनमें से ही एक है चीन की उस हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्‍ट, जिसे सबसे खतरनाक करार दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने फरवरी में इस मिसाइल का टेस्‍ट किया है और यह आसानी से अमेरिका को निशाना बना सकती है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी सरकार ने ताइवान की रक्षा का वादा किया है। पिछले दिनों चीन ने अपनी कैरियर किलर मिसाइलों को लेकर चेतावनी दी है। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार ताइवान की मदद के लिए आने से पहले अमेरिकी सेना को ढेर कर दिया जाएगा।डॉक्‍यूमेंट्स के अनुसार चीन ने सीक्रेटली फरवरी में 65 सौ मील प्रति घंटे की रफ्तार से हमला करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। बताया जा रहा है कि यह मिसाइल आसानी से अमेरिका के डिफेंस सिस्‍टम को निशाना बना सकती है। चीन ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है, उसे डीएफ-27 हाइपरसोनिक मिसाइल बताया जा रहा है, जिसे 25 फरवरी को लॉन्‍च किया गया था। यह मिसाइल 12 मिनट में ही दो हजार किलोमीटर से ज्‍यादा का सफर तय कर सकती है। साथ ही इस बात की भी आशंका सबसे ज्‍यादा है कि मिसाइल, अमेरिका के बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस पर हमला कर सकती है।डीएफ-27 को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह हाइपरसोनिक ग्‍लाइड व्‍हीकल्‍स के साथ लॉन्‍च हो सकती है। इस हथियार को डीएफ-17 का अगला वर्जन बताया जा रहा है जो अभी तक तैयार हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि चीन अपने इस खतरनाक हथियार से अमेरिका के एयर डिफेंस को भी निशाना बनाने में सक्षम है। इसकी रेंज भी बढ़ाई गई है और साथ ही एक से ज्‍यादा टारगेट्स को भेद सकती है। बताया जा रहा है कि हाइपरसोनिक मिसाइल, चीन के परमाणु हथियारों की तीसरी पीढ़ी से जुड़ी है। इसमें वही उपकरण लगाए गए हैं जो डीएफ-41 में फिट किए गए हैं। डीएफ-41 एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। चीनी मीडिया की मानें तो मिसाइल 14 हजार किमी से ज्‍यादा की रेंज 10 परमाणु हथियार ले जा सकती है।इस तरह से यह मिसाइल जमीन पर कहीं भी हमला करने में सक्षम है। इन लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक मार्च में चीन ने एक नए वॉरशिप और एक रॉकेट लॉन्च के बारे में भी जानकारी दी गई है। इन डॉक्‍यूमेंट्स से ऐसा लगता है कि पेंटागन के क्‍लासीफाइड डॉक्‍यूमेंट्स को शुरुआत में अलग-अलग सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर किया गया था। जिन सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर इन डॉक्‍यूमेंट्स को शेयर किया गया है उसमें वीडियो गेम चैट प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन मैसेजिंग बोर्ड, एन्क्रिप्‍टेड टेलीग्राम, ग्लोबल मैसेजिंग ऐप और ट्विटर शामिल हैं।