सिद्धार्थनगर।पुरानी पेंशन का कोई विकल्प नहीं, यह कर्मचारियों, शिक्षकों के अस्तित्व से जुड़ा मामला है। इस मुद्दे पर अंतिम पायदान तक संघर्ष करने से पीछे नहीं हटा जाएगा। इसके लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।ये बातें कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामकरन गुप्ता ने कहीं। वह मंगलवार को जिला अस्पताल के सभाकक्ष में प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 11 अप्रैल को प्रस्तावित एक दिवसीय धरना, प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए आयोजित जिला इकाई की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि जब कर्मचारी शिक्षक अपनी सेवानिवृत्त के बाद असहाय अवस्था में होगा तो सरकार से मिलने वाली सहायता पेंशन से भी उसे वंचित कर सरकार कर्मचारियों के मूलभूत अधिकारों से वंचितों कर रही है। जिला संयोजक शिवाकांत पांडेय ने कहा कि जब कर्मचारियों को सरकार से सहायता की आवश्यकता है। पेंशन के रुप मे तब सरकार अपने कर्मचारियों को पेंशन से वंचित करके कर्मचारी हित की निर्मम हत्या कर रही है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष वाई.के. द्विवेदी, ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार जायसवाल, जिलाध्यक्ष अटेवा बृजेश द्विवेदी, डीपीए अध्यक्ष वाईपी यादव, मंत्री गोविंद प्रसाद ओझा, जिला मंत्री कैलाश मणि त्रिपाठी, रोडवेज कर्मचारी अध्यक्ष दिनेश चंद्र मिश्रा, मंत्री अष्टभुजा पांडेय, पशुधन प्रसार अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार प्रजापति, एनएचएम कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनीष पांडेय, मुकेश कुमार, जय सिंह गुप्ता, पंकज पासवान आदि उपस्थित रहे।मांगों को कलक्ट्रेट पर देंगे धरना मांगों में पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करने, सरकारी संस्थानों में निजीकरण बंद करने, आउटसोर्सिंग, संविदा, वर्कचार्ज केंद्र व राज्य द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं में कार्यरत कर्मियों का विनियमितीकरण नीति बनाने, रिक्त पदों को भरने जाने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 11 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया जाएगा।
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