देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अग्नि से सुरक्षा के उपाय के संबंध में आपदा प्रबंधन द्वारा जारी एडवाइजरी के विवरण में विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि रसोई पर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य दें। रसोई घर की छत ऊंची रखी जायें। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली की समय से मरम्मत करा लें। मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी रखें एवं निगरानी अवश्य करते रहे। पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी तथा रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें।ग्रामीण क्षेत्र में हरा गेहूं छीमी भी बच्चे भुनते हैं। ऐसे में आग लगने से बचने के लिए उन पर निगरानी रखें। आग लगने पर सर्व प्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें और फायर बिग्रेड प्रशासन को तुरन्त सूचित करें। बिजली के खंभे पर ढीले तारो से निकली चिनगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है जहां कही ढ़ीले तार व अन्य खामिया दिये उसकी सूचना बिना देर किये नजदीकी विद्युत केन्द्र को दें है। अपने गांव में अग्नि से बचाव के साधनों यथा ट्यूबेल, प्लास्टिक पाईप अग्निशमन यंत्र व पानी का स्त्रोत का चिन्हांकन पूर्व में ही कर लें। खलिहान, तालाब या अन्य पानी के साधनों के निकट बनायें। चुल्हे की जलती बची लकड़ी को बुझाकर अलग रखें। गरम राख को पूर्ण रूप से ठंडा कर गड्ढे में फेंके। इसे कूड़े के ढेर पर न फेंके। गांव के तालाब व पानी के अन्य स्रोतों के निकट फायर बिग्रेड की मशीनों व यंत्रों के पहुंचने का रास्ता सदैव बनाये रखें।दीपक (दिया), लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर पर न रखे जहाँ से गिरकर आग लगने की संभावना हो।कटनी के बाद खेत में छोटे डंठलो में आग नहीं लगायें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये कनात अथवा टैंट के नीचे से बिजली के तार को न ले जायें। जहाँ पर सामूहिक भोजन इत्यादि का कार्य हो रहा हो वहाँ पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय नही करें। जलती हुई माचिस के तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट के टुकड़े को पीकर इधर-उधर न फेके। टुकड़े को पैर से कुचलकर पूर्ण रूप से बुझा कर फेंके। खाना बनाते समय ढ़ीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े पहनकर खाना न बनाये। हमेशा सूती कपडा पहन कर ही खाना बनाये। सार्वजानिक स्थली ट्रेनो एवं बसों आदि में जलनशील पदार्थ लेकर न चलें। बिजली की लाइन के नीचे एवं ट्रान्सफॉमर के पास खलिहान न बनाये न ही फूस के उपर ही बनाये। महत्वपूर्ण दूरभाष नंम्बर 108 एम्बुलेंस सेवा, 112 पुलिस सहायता, 101 अग्निशमन सहायता के लिए है।
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