बाँदाlराजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाँदा के स्मार्ट क्लास विज्ञान संकाय में समाजशास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन “ सतत विकास एवं वैश्वीकरण : नयी संभावनाएं तथा चुनौतियाँ” विषय पर आयोजित किया गया। विशिष्ट सत्र का शुभारम्भ मॉ सरस्वती की वन्दना और माल्यार्पण से हुआ।तत्पश्चात् समाजशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ० सबीहा रहमानी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए द्वितीय दिन के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत किया और सतत् विकास की संभावनायें एवं चुनौतियाँ विषय पर प्रकाश डाला। डॉ० मो० नईम ने सतत् विकास के सामाजिक, आर्थिक एवं मानव विकास पर गहन वक्तव्य दिए। डॉ० ललित कुमार सिंह ने सतत् विकास के आर्थिक पहलुओं एवं भारतीय साहित्य में वर्णित विभिन्न पर्यावरणीय श्लोकों के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य में इसकी क्या उपादेयता है पर गहन वक्तव्य दिया। डॉ० राजेन्द्र प्रसाद यादव ने शिक्षा, शासन और मानव संसाधनों के माध्यम से किस प्रकार सतत् विकास किया जा सकता है पर विस्तृत व्याख्यान दिया। श्रीमती विमला गुप्ता ने वर्तमान सामाजिक, राजनीतिक परिदृश्य में सतत् विकास की क्या भूमिका है पर चर्चा किया। अपने वक्तव्यों में श्री शान अहमद सिद्दकी ने सांस्कृतिक विविधता, सोशल मीडिया और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में सतत् विकास कैसे कार्य कर रहा है और कैसे इसके द्वारा पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है।अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के तकनीकी सत्र का प्रारम्भ झलकारी बाई सभागार में हुआ। विदेशी वक्ता श्रीलंका की डॉ० अतिला कोतलावस ने वैश्वीकरण, सामाजिक अभिविन्यास और विकासशील देशों पर सतत् विकास की क्या भूमिका रही पर अपने विचार प्रस्तुत किया। जे०एन०यू० के प्रो० हरीराम मिश्र ने प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वर्णित पर्यावरणीय परिदृश्य एवं उनकी वर्तमान में क्या प्रासंगिकता है पर वक्तव्य दिया। डॉ० सोनिका नागर ने अपने व्याख्यान में महिला उद्यमिता सतत विकास के लक्ष्यों को लागू करने में क्या क्या अडचने आ रहीं हैं पर विस्तृत जानकारी दिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ० पंकज सिंह ने बताया कि सतत् विकास के लक्ष्यों को हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं, किस तरह वैश्विक तापन में कमी ला सकते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में सतत् विकास की क्या उपयोगिता है पर गम्भीर वक्तव्य दिया।डॉ० जयकुमार सिंह एवं डॉ० अमित गुप्ता ने भी सतत् विकास पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। समापन समारोह में अति सम्मानित अतिथि के रूप में डॉ० शबाना रफीक ने कविता का वाचन किया। प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय पिपरहरी डॉ0 विनोद कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। डॉ० लक्ष्मी किशोर, सेवानिवृत्त प्राध्यापक भी अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में उपस्थित रहीं। विभिन्न प्रान्तों, देशभर से उपस्थित प्राध्यापक गण, शोध छात्र, छात्रा ने संगोष्ठी में सहभागिता रहीं।संगोष्ठी के समापन की अध्यक्षता कर रही प्राचार्या प्रो० दीपाली गुप्ता ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान किया और सभी का हृदय की गहराईयों से कमबद्ध धन्यवाद ज्ञापन कर संगोष्ठी के समापन की घोषणा किया।इस अवसर पर प्रो० जितेन्द्र कुमार, डॉ० सबीहा रहमानी, डॉ० जयकुमार चौरसिया, डॉ० शशिभूषण मिश्र, जयप्रकाश सिंह, डॉ० अंकिता तिवारी, डॉ० जयंती सिंह, डॉ० विनोद सिंह चन्देल, डॉ0 विनय कुमार पटेल, डॉ० मो०अफजल, डॉ० सुधा तिवारी, वीरेन्द्र प्रताप चौरसिया, सुश्री नीतू सिंह, डॉ० अस्तुति वर्मा एवं समस्त कर्मचारी मौजूद रहे।
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