फतेहपुर। अस्थायी/स्थायी गौआश्रय स्थलों के निर्माण व संरक्षित गौवंशो के भरण-पोषण/सहभागिता के उचित प्रबंधन की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी श्रुति की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में सम्पन्न हुई। उन्होंने जनपद के संचालित गौआश्रय स्थलों में संरक्षित गौवंशो के भरण पोषण के लिए भूसा, दाना, हरा चारा, पशुआहार, शुद्ध पेय जल आदि की व्यवस्थाओं की बिंदुवार चर्चा की गई।उन्होने कहा कि गर्मी के दृष्टिगत गौवंशो के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हर हाल में समयानुसार दुरस्त बनाये रखें। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने तहसील क्षेत्रो में जो गौआश्रय हेतु जमीन दी गयी है यदि उसमें हरे चारे की बुआई नहीं की गयी है तो तत्काल कराना सुनिश्चित करें। साथ ही रिपोर्ट से अवगत करायंे। गौशालाओं को स्वावलंबी/आत्मनिर्भर बनाने हेतु, वर्मी कम्पोस्ट खाद, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, सागौन आदि की सुविधानुसार व्यवस्था करके गौशालाओं की आमदनी बढ़ाई जाए। ताकि गौशालाएं स्वयं के पैसे से संचालित हो सके। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री के लिए कृषि विभाग, उद्यान विभाग, वन विभाग से समन्वय बनाकर जरूरत के हिसाब से वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री करायी जाय। गौवंशो के भरण पोषण, रख-रखाव और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखे, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता क्षम्य नही होगी। मुख्यमंत्री सहभागिता योजनांतर्गत नागरिको को दुधारू गाय दी जाय और निरंतर निगरानी भी रखी जाए। गौवंशो की शत प्रतिशत ईयर टैगिंग कराया जाये। साथ ही अगली बैठक में ईयर टैगिंग की रिपोर्ट विकास खंडवार प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित को दिए। जिन गौशालाओ में वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण कार्य चल रहा, में तेजी लाकर पूर्ण कराया जाये और वर्मी कंपोस्ट खाद बनायी जाय। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल, उप जिलाधिकारी सदर अवधेश कुमार निगम, खागा मनीष कुमार, बिन्दकी अंजू वर्मा, जिला विकास अधिकारी, पीडी डीआरडीए, डीसी मनरेगा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित उपस्थित रहे।
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