ज्ञानपुर, भदोही।कोतवाली क्षेत्र ज्ञानपुर के ग्राम सभा लखनों निवासी दीपक कुमार ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। दिए आवेदन में उसने यह बताया है, कि मेरे दादा राम श्रृंगार हम प्रार्थी व मेरी मां राधा देवी पत्नी संतलाल के नाम पंजीकृत वसीयत नामा करके इंतकाल कर गए। जिस पर हम तथा हमारी माता द्वारा पंजीकृत वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण प्रसूचना तहसील ज्ञानपुर में वर्ष 2015 में दाखिल किए। दाखिल खारिज राधा देवी बनाम राम श्रृंगार कायम रहा। जो तहसीलदार न्यायिक ज्ञानपुर के अदालत में विचाराधीन रहा। और उक्त पत्रावली में हम प्रार्थी द्वारा एक रिट याचिका वर्ष 2019 में दाखिल किया गया था। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शीघ्र निस्तारण किए जाने हेतु आदेश पारित किया गया। उक्त वाद में न्यायालय तहसीलदार ज्ञानपुर द्वारा दिनांक 13-01- 2023 को आदेश पारित किया गया।उक्त आदेश के विरुद्ध विपक्षी बसंत लाल द्वारा रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र दाखिल किया। तहसीलदार ज्ञानपुर ने बिना सम्मन नोटिस जारी किए पत्रावली विपक्षी के प्रभाव में पत्रावली अपने पास रख लिए। जिसकी जानकारी होने पर हम प्रार्थी बजरिये अधिवक्ता प्रार्थना पत्र 6 मार्च 2023 हम प्रार्थी को रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र पर आपति का अवसर प्रदान करके अग्रिम कार्यवाही उक्त पत्रावली पत्र दिये जाने पर बैक डेट में दिनांक 03-03-2023 ई० को पैसे की उगाही करके कानून कायदे की धज्जिया उड़ाते हुए मनमाने तौर पर गुणदोष के आधार पर पारित आदेश के निरस्त कर दिया गया। जब कि विपक्षी के रेस्टोरेशन प्रार्थना पत्र पर कोई तिथि नियत नहीं किया गया और न ही पेशी बही पर कोई तिथि अंकित किया गया। न्यायालय द्वारा दिनांक 03-03-2023 ई० को बैक डेट में आदेश पारित किया गया। जिसकी जानकारी हम प्रार्थी को दिनांक दिनांक 09-03-2023 ई० को होने पर हम प्रार्थी तत्काल उक्त आदेश का अमलदरामद न किये जाने हेतु प्रार्थना पत्र तहसीलदार ज्ञानपुर को दिया परन्तु तहसीलदार ज्ञानपुर द्वारा उक्त प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया। तहसीलदार ज्ञानपुर के उक्त कृत्य से विपक्षी मनमानी तरीके पर हम प्राथी के कब्जा दखल में हस्तक्षेप करेगा और दोनो पक्षों के मध्य शान्ति भंग होने की सम्भावना बनी रहेगी।अतः श्रीमान् जी से प्रार्थना है कि उपरोक्त परिस्थिति में तहसीलदार ज्ञानपुर के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए मनमाने ढंग से किये गये एकपक्षीय आदेश दिनांक 03-03-2023 निरस्त किये जाने हेतु आदेश किया जाय ताकि मौके पर शान्ति बनी रहे और न्यायालय के प्रति लोगो का विश्वास बना रहे।
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