टोक्यो । जापान के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से ब्रेन की स्कैनिंग करने में बड़ी सफलता हासिल की है। दिमाग में सपने के रूप में भी जो देखा जाएगा। उसकी छवि को कागजों पर प्रिंट भी किया जा सकेगा। जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शिनजी निशिमोटो तथा यू ताकागी ने मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों की एआई की मदद से छवियों में परिवर्तित करने की तकनीकी विकसित की है। इससे पहले एआई से चेहरों के चित्र बनाए जाते थे। अब उसी तरह से टेक्स्ट टू इमेज जनरेट स्टेबल डिफ्यूजन एआई एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है। यह ब्रेन स्कैन को डिकोड करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। सपने में हमारा मस्तिष्क जिस छवि को देखता है। उसको टेम्पोरल लोब उसकी जानकारी दर्ज करता है। ओसीसीपिटल लोब सोचने के तरीके को रिकॉर्ड करता है। इस दौरान रक्त प्रवाह में जो परिवर्तन होता है। उन्हीं परिवर्तन को एआई की मदद से चित्र में बदल देता है। इस तकनीकी के माध्यम से अब सपने भी रिकॉर्ड किए जा सकते हैं। इस खोज से सबसे ज्यादा फायदा लकवा पीड़ित मरीजों को होगा। वहीं पशुओं और पक्षियों के बारे में भी जाने में आसानी होगी। कि वह किस तरह से देखते,समझते और सोचते हैं।
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