आईएसएस इंडिया ने 2025 तक 2500 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का लक्ष्य रखा

लखनऊ। आईएसएस फैसिलिटी सर्विसेज इंडिया, वैश्विक सुविधा प्रबंधन सेवाएं और बेहतर कार्यस्थल अनुभव प्रदाने करने के लिए काम करने वाली अग्रणी कम्पनी आईएसएस एध्एस (आईएसएस समूह) की सहायक कंपनी है और भारत की अग्रणी एकीकृत सुविधा प्रबंधन कंपनियों में से एक है। इसने आईएसएस एध्एस के समूह सीईओ जैकब अरुप-एंडरसन की भारत यात्रा के मौके पर देश में तेजी के विकास करने के लिए योजनाओं की घोषणा की। यह कंपनी, सबसे पसंदीदा सुविधा प्रबंधन भागीदारों में से एक है। इसने 2025 तक 2500 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने प्रमुख रूप से संधारणीयता, नवाचार और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी विकास यात्रा को आगे बढ़ाने का निर्धारण किया है। इसने पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा (हरित ऊर्जा), सुविधा केन्द्र प्रबंधन (फैसिलिटी मैनेजमेंट), तकनीकी अनुभव केंद्र (टेक एक्सपीरियंस सेंटर) और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए अपने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कई पहलें की हैं।कंपनी ने अपने मुख्यालय को मुंबई में एक नए, अत्याधुनिक कार्यालय भवन में स्थानांतरित कर दिया है। यह 100ः पर्यावरण अनुकूल कार्यालय (ग्रीन ऑफिस) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करता है और संधारणीयता को बढ़ावा देने वाली ऐसी कार्य पद्धतियां अपनाता है जिनसे कार्बन का उत्सर्जन बिल्कुल नहीं होता। इसके अलावा, कार्यालय में अत्याधुनिक सुविधा प्रबंधन अनुभव केंद्र है जो इस उद्योग के नए मानक निर्धारित करता है। विभिन्न विशेषताओं और कार्यक्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए यह केंद्र अपनी प्रौद्योगिकी क्षमता का बखान करता है। आईएसएस इंडिया ने अपने अग्रिम पंक्ति के (फ्रंटलाइन) कर्मचारियों (जिन्हें आईएसएस के स्थान अपनी खास पहचान देने वाले कर्मचारियों यानी प्लेसमेकर के रूप में माना जाता है) के लिए नई शिक्षा नीति की भी घोषणा की। यह नीति इन कर्मचारियों को अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी करने और अपने करियर को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है। आईएसएस के कई फ्रंटलाइन प्लेसमेकर सीमित औपचारिक शिक्षा वाले हैं इसलिए यह नीति उन्हें अपनी पूरी क्षमता विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी। आईएसएस एध्एस के समूह सीईओ जैकब अरुप-एंडरसन ने कहा, “भारत, आईएसएस समूह के लिए एक रणनीतिक बाजार है, और एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऐसा प्रमुख प्रतिभागी है जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं।“ उन्होंने कहा, श्श्हम अपने पर्यावरण, सामाजिक और शासन सुव्यवस्था (ईएसजी) लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचार, संधारणीयता और कौशल विकास के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके भारत में सार्थक प्रभाव डालने के लिए जी-जान से प्रयास करने की इच्छा रखते हैं। हमने अपनी विकास रणनीति और भारत में प्राप्त की जाने वाली नई उपलब्धियां के विषय, इन प्रमुख क्षेत्रों को ध्यान में रखकर निर्धारित किए हैं। और हम इस भौगोलिक क्षेत्र में विकास करने और प्रभाव डालने के लिए मिलने वाले अवसरों को विचार करके उत्साहित हैं।