बागपत के लाल बृजेंद्र राणा को यूक्रेनी सेना ने दिया बैज ऑफ ऑनर का सम्मान

कीव। रूस और अमेरिका के बीच युद्ध को एक साल पूरा हो चुका है। 26 फरवरी को रूस ने पहली बार यूक्रेन पर हमला किया था। हमले के वक्त लगता था कि कुछ ही दिनों में रूस यूक्रेन को घुटने टेकने पर मजबूर कर देगा। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। वहीं कई शहरों से रूसी सेना को खदेड़ गया है। इन सारे कामों में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की बड़ी भूमिका रही है। वह लगातार अपनी सेना का मनोबल बढ़ाते रहे और नागरिकों से भी मदद की अपील करते रहे। रूस के खिलाफ युद्ध में मदद करने के लिए मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले शख्स को भी यूक्रेन ने सम्मानित किया है। बृजेंद्र राणा बागपत के रहने वाले हैं। वह दवाई सप्लाई करने के काम में माहिर हैं। जेलेंस्की की अपील के बाद उन्होंने युद्ध के दौरान सैनिकों को दवाई सप्लाई करने का काम शुरू किया। उनके इस काम की वजह से यूक्रेनी सेना के कमांडर इन चीफ ने उन्हें बैज ऑफ ऑनर दिया। यह यूक्रेन में एक बहुत ही प्रतिष्ठित सम्मान है जिसे किसी विशेष अवसर पर केवल सेना प्रमुख ही देते हैं।इस मेडल में कीव में बनी मदरलैंड स्टेच्यू की तस्वीर होती है। यह कलाकृति यूक्रने के इतिहास में मायने रखती है। दूसरे विश्वयुद्ध की याद में इस बनवाया गया था। यह अवॉर्ड उस व्यक्ति को दिया जाता है जो कि सेना की मदद करता है। इसके अलावा सेना के नियमों को ध्यान में रखते हुए युद्ध जैसी परिस्थिति में अपना योगदान देता है। यूक्रेन के जनरल ने कहा, हालांकि बृजेंद्र का जन्म भारत में हुआ लेकिन वह यूक्रेन को अपना देश मानते हैं और मेडिकल सप्लाई के लिए अथक परिश्रम करते हैं। बृजेंद्र राणा 90 के दशक में ही यूक्रेन पढ़ाई करने के लिए गए थे। इसके बाद यूक्रेन में ही उन्होंने शादी कर ली।