नई दिल्ली। साल 2007 टी20 विश्वकप क्रिकेट में भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले गेंदबाजी जोगिंदर शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा घरेलू क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया है। जोगिंदर ने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम ओवर फेंका था। जोगिंदर ने इस ओवर में मिस्बाह-उल-हक का विकेट लेकर भारतीय टीम को रोमांचक जीत दिलायी थी। यह मैच आज भी सभी भारतीय प्रशंसक नहीं भूले हैं हालांकि इसके बाद भी जोगिंदर का करियर आगे नहीं बढ़ा। उसके बाद वह हरियाणा पुलिस में चले गये थे। अब वह डीएसपी हैं। 39 साल के जोगिंदर ने अपने करियर में केवल चार एकदिवीय अंतरराष्ट्रीय और इतने ही टी20 मैच खेले हैं। एकदिवसीय में उन्होंने एक विकेट लेने के अलावा 35 रन भी बनाए हैं। वहीं टी20 में उन्होंने 4 विकेट लिए थे जबकि घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस गेंदबाज ने 2800 रन बनाने के साथ ही 297 विकेट भी लिए हैं।पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन के बाद भी उन्हें भारतीय टीम की ओर से कोई मुकाबला खेलने को नहीं मिला हालांकि फाइनल में उनका प्रदर्शन हमेशा लोगों को याद रहेगा। इस मैच के अंतिम ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन बनाने थे और उसके 9 विकेट गिर गए थे। मिस्बाह उस समय 37 और मोहम्मद आसिफ 4 रन बनाकर खेल रहे थे। जोगिंदर के 20वें ओवर की शुरुआत खराब रही और पहली ही गेंद वाइड हो गयी। दूसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक ने रन नहीं लिया जबकि दूसरी गेंद पर उन्होंने छक्का लगा दिया। इस प्रकार दो गेंदों पर ही सात रन बन गये ओर पाक जीत की ओर बढ़ने लगी। पाक को जीत के लिए 4 गेंद पर 6 रन ही चाहिए थे। तीसरी गेंद पर मिस्बाह स्कूप शॉट खेलने गए पर वह कैच आउट हो गए! शॉर्ट फाइन लेग पर एस श्रीसंत ने उनका यादगार कैच पकड़ा। इस प्रकार भारत के 157 रन के जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रनों पर ही बनाकर आउट हो गई थी!
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