ट्यूनिस। ट्यूनीशिया में मतदाताओं ने बड़े पैमाने पर संसदीय चुनावों का बहिष्कार कर दिया है। इस चुनाव को उनके राष्ट्रपति और देश के संकटग्रस्त लोकतंत्र के लिए अहम परीक्षा माना जा रहा है। राष्ट्रीय चुनाव आयोग के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक ट्यूनीशिया के 80 लाख मतदाताओं में से महज 11.3 प्रतिशत ने ही मतदान किया। ट्यूनीशिया के कई असंतुष्ट लोग मतदान से दूर रहे और प्रभावशाली इस्लामिक पार्टी एनादहा तथा अन्य विपक्षी दलों ने मतदान का बहिष्कार किया।इस चुनाव को सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाने इस्लामिक विरोधियों पर लगाम लगाने तथा अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए राष्ट्रपति कैस सईद के प्रयासों में एक निर्णायक कदम के तौर पर देखा गया है। लेकिन बेहद कम मतदान से भविष्य में संसद की वैधता पर संदेह पैदा हो गया है तथा इससे सईद की योजनाओं पर पानी फिर सकता है।
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