बांदा। भारत निर्वाचन आयोग 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में सरकार बनाने में मतदाताओं की सबसे बड़ी और अहम भूमिका होती है। मतदाता अपने कीमती वोट से किसी भी पार्टी को पांच साल के लिए सत्ता में ला सकते हैं। अपने इस कर्तव्य को पूरा कर मतदातगण देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं। भारत में मतदान को लेकर लोगों में अपर्याप्त रुझान को देखते हुए मतदान दिवस की शुरुआत की गई थी। यह बात केसीएनआईटी गु्रप आफ इंस्टीट्यूशन, के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक अकादमिक, डा. एसके पोरवार ने व्यक्त किये।ज्ञात्वय हो कि भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 1950 में हुई थी, जिसके 61वें स्थापना वर्ष में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का फैसला लिया गया था और तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने इसकी शुरुआत की थी। भारत का लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, इसी को देखते हुए राष्ट्रीय मतदान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। केसीएनआईटी गुप के कुलसचिव ने कहा कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने मतदान के प्रति जागरुक करना और निष्पक्ष होकर मतदान करने को लेकर प्रेरित करना है। सभी 18 साल के हो चुके वयस्क युवतियों व युवकों का वोटर लिस्ट में नाम जोड़ना और अपने वोट के प्रति उन्हें जागरुक करना मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य होता है। वहीं डा. प्रशान्त द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2023 के राष्ट्रीय मतदाता दिवस का थीम है ‘वोटिंग बेमिसाल है, मैं अवश्य वोट देता हूँ। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक अकादमिक डा. एसके पोरवार, कुलसचिव, डा. प्रशान्त द्विवेदी, हरिओम राठौर सहित अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष, अध्यापक गण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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