जौनपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्एफ.टी.सी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रशांत कुमार ने अवगत कराया है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल, जनपद न्यायाधीशध्अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के संरक्षण में दिनांक 11.फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार न्यायालयों में लम्बित अधिकतम वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु प्रशांत कुमार अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्एफ.टी.सी सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर के संयोजन एवं श्रीमती रीता कौशिक, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, जौनपुर की अध्यक्षता में उनके विश्राम कक्ष में े बैठक आहूत की गयी। बैठक में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय श्रीमती रीता कौशिक द्वारा समस्त अपर प्रधान न्यायाधीश को आगामी लोक अदालत में अधिकतम मामलों के निस्तारण हेतु वादों को चिन्हित करने एवं पक्षकारों को समनध्नोटिस प्रेषित कर लोक अदालत में वादों के निस्तारण के लाभों को बताते हुए पक्षकारों को प्रेरित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्एफ.टी.सी, सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशांत कुमार द्वारा लोक अदालत के मामलों के निस्तारण से होने वाले लाभ जैसे-निस्तारण हेतु किसी प्रकार का न्याय शुल्क देय नहीं होना, लोक अदालत में निस्तारण कर लम्बित मामलों मे न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था, लोक अदालत के निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं होना बताकर लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निस्तारण करवाकर लोक अदालत को सफल बनाये जाने की अपील की गयी। अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय प्रथम विजय कुमार गुप्ता एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्एफ.टी.सी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर प्रशांत कुमार व परिवार न्यायालय के कांउसलर भी उपस्थित रहे।