
रूपईडीहा, बहराइच। भारत नेपाल खुली सीमा है। कई गांव के रास्ते नेपाल से जुड़े हुए है और दिन के उजाले और रात के अंधेरे में सभी काम इन्हीं पगडंडियों से होते हैं। अब यह कैसे संभव है कि भारत नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों को इसकी खबर ना हो। मुख्य मार्ग पर जांच का दायरा कैमरों के सामने ऐसा बढ़ाया गया है कि मानो ऐसा लग रहा हो कि रुपईडीहा में सब कुछ बेहतर चल रहा है। बताते चलें कि रुपईडीहा इस समय उड़ता पंजाब हो रहा है। बड़े स्तर पर रुपईडीहा से नेपाल स्मैक की तस्करी होती है। जिसका खुलासा रुपईडीहा में स्थानीय पुलिस व नेपाल में नेपाली पुलिस ने पकड़ कर बता दिया है कि रुपईडीहा वीओपी पर इतनी सघन जांच के बावजूद नेपाल में स्मैक कैसे पहुंच जाती है। जमुनहा पुलिस ने इन दो सालों में दर्जनों लोगों को स्मैक के साथ पकड़कर यह साबित किया है कि रुपईडीहा वीओपी पर जांच मात्र एक दिखावा ही है। हां यह जरूर है कि रुपईडीहा पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान के नाम पर फोटो खींचा कर उच्च अधिकारियों से अपना पीठ थपथपवाने का काम एसएसबी जरूर कर लेती है। रूपईडीहा में अभी तक जितने भी प्रेस नोट मीडिया कर्मियों को मिले हैं स्मैक पकड़ने से संबंधित उसमें एसएसबी का नाम संयुक्त टीम के रूप में ही रहा है। पूर्व में तैनात कमांडेंट द्वारा एसएसबी कुछ भी पकड़ती थी तो मीडिया कर्मियों को कवरेज के लिए बुलाया जाता था लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि पुलिस के गुडवर्क में अपना नाम लिखवाकर एसएसबी क्रेडिट लेने की कोशिश करती है।