बांदा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी दीपा रंजन की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति-2019 के तहत जिला स्तरीय कलेस्टर सुविधा इकाई संबंधी बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने कृषि जींस गेहूं, चावल, सरसों, अरहर एवं ताजी सब्जियों को कृषि निर्यात नीति अनुलग्नक-1 में शामिल करवाने के लिए प्रस्ताव पर सहमति दी। इसके साथ ही विवि में निर्यात के लिए क्वालिटी टेस्टिंग लैब का प्रस्ताव बनाए जाने की बात कही।
डीएम ने जिला उद्यान अधिकारी बांदा को निर्देशित किया कि कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग यूनिट आदि के सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार कराया जाए। उन्होंने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिये कि बांदा कृषि विश्व विद्यालय में निर्यात के लिए आवश्यक क्वालिटी टेस्टिंग के लिए लैब प्रस्ताव तैयार कराया जाए तथा नये इनवेस्टर की बैठक एवं एमओयू साइन करने के लिए कृषि विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया। उन्होंने जनपद बांदा से भौगोलिक उपदर्शन (जीआई टैग) की सम्भावित कृषि उत्पादों देशी अरहर व महा चिन्नावर चावल का (जीआई टैग) करवाने एवं जिला स्तर पर जीआई प्रोत्साहन कार्यों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए जनपद स्तरीय समिति में जीआई विशेषज्ञ एवं जनपद स्तरीय मण्डी समिति के सचिव को अतिरिक्त सदस्य नामित करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में इसबिन्द कुमार ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक (कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार) ने उप्र कृषि निर्यात नीति-2019 के अन्तर्गत दिये जाने वाले प्रोत्साहन अनुदान के सन्दर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि निर्यात कलेस्टर के लिए न्यूनतम 50 हेक्टेयर की भूमि विकास खण्ड सीमा अन्तर्गत होनी चाहिए, जिसके लिए विभाग द्वारा 10 लाख रूपये की अनुदान राशि निर्यात दायित्व पूर्ण होने के उपरान्त प्रदान की जायेगी। प्रथम वर्ष में 40 प्रतिशत तथा उसके पश्चात 15 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से आगामी चार वर्षों में निर्यात होने पर राशि प्रदान की जाएगी। तालिका अनुसार क्षेत्रफल बढ़ने पर धनराशि में 06 लाख रूपये की बढ़ोत्तरी अनुमन्य होगी तथा कलेस्टर द्वारा उत्पादित कृषि जीन्स का स्थानीय उत्पादकता के अधार पर कुल उत्पादन न्यूनतम 30 प्रतिशत मात्रा में निर्यात करना होगा। क्लस्टर के निकट स्थापित होने वाले नवीन प्रसंस्करण ईकाईयों, पैक हाउस, शीत गृह, राइपेनिंग चेम्बर्स आदि के लिए निर्यात के टर्नओवर की 10 प्रतिशत अथवा रुपए 25 लाख जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने के वर्ष से पांच वर्षों तक प्रतिवर्ष दिया जायेगा। क्लस्टर से कृषि जीन्स को क्रय कर मौलिक अथवा प्रसंस्कृत रूप में न्यूनतम 40 प्रतिशत निर्यात करना होगा तभी निर्यात दायित्व सिद्ध माना जायेगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकश मौर्या, उप कृषि निदेशक डा. विजय कुमार, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, कृषि विपणन सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं प्रगतिशील किसान अस्लम खान, रामदुलारे, एफपीओ से अरूण कुमार, अखिलेश पाठक उपस्थित रहे।