कोलकाता।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश की सातवीं एवं पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करते हुए कहा कि जिस धरती से वंदे मातरम का उद्घोष हुआ वहां आज ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन चली है।श्री मोदी ने यहां हावड़ा रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा कर रवाना करने के बाद वीडियो लिंक से संबोधित किया। उन्होंने कहा, “आज मुझे आप सब के बीच रूबरू होना था, लेकिन निजी कारणों की वजह से मैं आप सब के बीच नहीं आ पाया हूं। इसके लिए क्षमा चाहता हूं।”उन्होंने कहा कि देश की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में देश ने 475 ‘वंदे भारत ट्रेन’ शुरू करने का संकल्प लिया था। आज इसी में से एक हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली ‘वंदे भारत’ शुरू हुई है। बंगाल के कण-कण में आजादी के आंदोलन का इतिहास समाहित है। जिस धरती से ‘वंदे मातरम’ का जयघोष हुआ, वहां आज ‘वंदे भारत’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है।प्रधानमंत्री ने कहा,“ आज 30 दिसंबर की तारीख का भी इतिहास में अपना बहुत महत्व है। तीस दिसंबर, 1943 के दिन ही नेताजी सुभाष ने अंडमान में तिरंगा फहराकर भारत की आजादी का बिगुल फूंका था। इस घटना के 75 वर्ष होने पर साल 2018 में, मैं अंडमान गया था, नेताजी के नाम पर एक द्वीप का नामकरण भी किया था। ”श्री मोदी ने कहा,“ हम लोग अक्सर रोगों से बचाव पर आधारित स्वास्थ्य की बात करते हैं, कहते हैं कि दिनचर्या वो होनी चाहिए कि बीमारी की नौबत ही ना आए। ठीक इसी तरह नदी की गंदगी को साफ करने के साथ ही केंद्र सरकार रोगों से बचाव पर बहुत जोर दे रही है। इसका सबसे बड़ा और आधुनिक तरीका है, ज्यादा से ज्यादा आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट।आने वाले 10-15 साल बाद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश में आज आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए जा रहे हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र सरकार, भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए और रेलवे अवसंरचना को आधुनिक बनाने के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रही है। आज देश में भारतीय रेलवे के कायाकल्प का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। वंदे भारत, तेज, हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेनें देश में बन रही हैं। विस्टाडोम कोच रेल यात्रियों को नया अनुभव करा रहे हैं। सुरक्षित और आधुनिक कोच की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। रेलवे स्टेशनों को भी एयरपोर्ट्स की तरह विकसित किया जा रहा है। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन भी इसी सूची में शामिल है।उन्होंने कहा,“ बीते आठ वर्षों में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है। अब आने वाले आठ वर्षों में हम भारतीय और भारतीय रेलवे को आधुनिकता की नई यात्रा पर निकलते हुए देखेंगे।”
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