जैविक खादों का प्रयोग कर किसान प्राप्त कर सकते है अधिक उत्पादन

नानपारा, बहराइच। शुक्रवार को किसान सम्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथी भाजपा नेता धनश्याम सिंह ने किसानो को बताया कि विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है। भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा अधिक से अधिक उत्पादन करने के लिए रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है वातावरण भी प्रदूषित होता है मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। किसान भाई जैविक खादों एवं दवाईयों का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। जैविक से भूमि, जल एवं वातावरण शुद्ध रहेगा, जीवधारी स्वस्थ रहेंगे। कृषि वैज्ञानिक डा. के. एम. सिंह ने कहा कि 23 दिसंबर को देश के पांचवें प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह का जन्मदिन होता है। चरण सिंह ने किसानों के हित में कई अहम काम किए है। जन्मदिन को हर साल किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की अर्थव्ययवस्था में किसानों का अहम योगदान रहा है। इस दिन का उद्देश्य किसानों के महत्व और राष्ट्र के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में उनके मूल्यवान योगदान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। वैज्ञानिक रेनू आर्या ने कहा फल एवं सब्जियों के उत्पादन का लगभग 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा तुड़ाई उपरांत कुप्रबंधन के कारण क्षतिग्रस हो जाता है। यदि फलों एवं सब्जियों का सही समय पर प्रसंस्करण करें तो तुड़ाई उपरांत क्षति कम होगी। हमारे युवा फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्करण को उद्यम के रूप में अपनाकर क्षेत्रों में उद्योग लगाकर उन्नति के नये आयाम स्थापित कर सकते हैं। वैज्ञानिक डा. अरुण कुमार ने कहा कृषि को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे अहम रोल बीज का होता है।. बीज जितना अच्छा और स्वस्थ होगा, फसल भी उतनी ही शानदार होगी। कीट और बीमारियों का हमला भी कम होगा। यदि बीज खराब है तो अन्य तमाम साधनों जैसे खाद, सिंचाई आदि पर किया खर्च किया गया पैसा और मेहनत बेकार हो जाती है। वैज्ञानिक डा. हर्षिता ने किसानो को संबोधित कर मशरूम की खेती की विस्तृत जानकरी दी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है। मशरूम की खेती बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है। बस कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। बाजार में मशरूम का अच्छा दाम मिल जाता है। अलग-अलग राज्यों में किसान मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कम जगह और कम समय के साथ ही इसकी खेती में लागत भी बहुत कम लगती है। जबकि मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है। उद्यान अधिकारी आर. के. वर्मा ने प्रगतिशील कृषक मनीष कुमार सिंह, सजन कुमार, रंजू देवी, ऊषा देवी, मालिक सिंह, लल्लन खां, सरवर अली ,मलकीत सिंह आदि को सम्मानित किया।